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तिरछी नजर : पंजाब में भाजपा का प्रचार 

 

छत्तीसगढ़ भाजपा संगठन के नेताओं को पंजाब में चुनाव प्रचार की रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी । सौदान सिंह पंजाब में संगठन के प्रभारी हैं । उन्हें जेड सुरक्षा भी मिली है ।

सौदान सिंह ने पवन साय को बुला लिया था । पंजाब में पार्टी का हाल यह रहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की एक सभा में दो सौ लोग भी नहीं जुटे ।

चुनावी शोर थमते ही पवन साय बाघा बार्डर के लिए निकल गए । यहां भाजपा के कुछ लोग पंजाब में खाता खुलेगा कि नहीं, इस पर शर्त लगा रहे हैं ।

आईएएस अवार्ड के लिए जोड़ तोड़ 

राप्रसे से आईएएस अवार्ड के लिए पिछले दिनों महानदी भवन में बैठक हुई । पहली बार रापुसे के अफसरों को पदोन्नति देने के लिए यहां बैठक हुई है । अमूमन बैठक दिल्ली में होती रही है । खैर, सात राप्रसे अफसरों को आईएएस अवार्ड देने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है । इसमें 2005 के अलावा 2008 बैच के एक-दो अफसरों को पदोन्नति का मौका मिल गया । एक खबर छनकर आ रही है कि रापुसे के एक अफसर की पदोन्नति रूक गई है । अफसर ने प्रधानमंत्री निवास का दरवाजा खट-खटाया है। इतने जोड़ तोड़ के बाद अफसर को आई ए एस अवार्ड हो पाएगा, यह तो कुछ दिन बाद पता चलेगा ।

संविदा अफसर का कारनामा 

स्मार्ट सिटी के पैसों का उपयोग कोरोना की रोकथाम के करने की छूट क्या मिली, निगम के पदाधिकारी, और अफसरों को आपदा में अवसर मिल गया । कोविड सेंटर के सौ एल ईडी बल्ब के मात्र किराये के नाम पर तीन लाख से अधिक का भुगतान हुआ है । इस पूरे खेल में स्मार्ट सिटी के एक संविदा अफसर ने जमकर चांदी काटी है । चर्चा है कि अफसर ने हाल ही में फ्लैट भी खरीद लिया है । अफसर ने दो पदाधिकारियों के बीच खींचतान का जमकर फायदा उठाया और दोनों को अपने पाले में रखकर खेल खेला है।

आम आदमी से डरता मंत्रालय

वैसे तो कांग्रेस शासनकाल में मुख्यमंत्री के आदेश तत्काल अमल होने लगते हैं। लेकिन पिछले दिनों मंत्रालय में प्रवेश का आदेश निकलने में ही एक सप्ताह लग गया। सप्ताह खत्म होने के अंतिम दिन एक पत्रकार ने जिम्मेदार अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया तो आदेश निकला। बताते है कि उसी दिन आईएएस अवार्ड के लिये दिल्ली से आए यूपीएससी के मेंबर राजीव नयन चौबे, केंद्रीय संयुक्त सचिव मनीष गर्ग के पीएसओ तक को मंत्रालय में रोक दिया गया था। बीहड़ में बसे मंत्रालय को आम जनता के लिये खोलने में भी अधिकारी डर रहे थे। अधिकारियों का तर्क है कि कोरोना सहित कई प्रकार की समस्या के चलते पहले अपनी सुरक्षा व्यवस्था देख ले उसके बाद आम जनता के बारे में सोचेंगे। कई मंत्री तो अपना कमरा ही भूल गये हैं। तीन मंत्री को छोड़कर बाकि तो महीनों मंत्रालय ही नहीं गये हैं।

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कार्तिकेय गोयल सबसे धनी अफसर

राज नेताओं और अधिकारियों की संपत्ति को लेकर तरह-तरह के कयास लगते रहते हैं । केन्द्र और राज्य सरकार समय-समय पर अफसरों को अपनी संपत्ति का विवरण देने के लिए दिशा निर्देश जारी करती है। कहा जाता है कि 99 फीसदी अफसर और नेता अपनी संपत्ति का सही ब्यौरा नहीं देते हैं । ऐसे अफसरों के रिश्तेदार अधिक मजे में रहते हैं। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार आईएएस अफसरों में से कार्तिकेय गोयल सबसे ज्यादा पैसे वाले हैं। गोयल ने 18 करोड़ से अधिक की संपत्ति घोषित की है। दूसरे नंबर पर अनुराग पाण्डेय हैं जिनकी कुल संपत्ति 12 करोड़ के आस-पास है।

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राइस इण्डस्ट्रीज में बूम 

छत्तीसगढ़ में इस बार रिकॉर्ड तोड़ 98 लाख टन धान की खरीदी हुई है। सरकार के योजनाकारों ने इस बार ऐसा कुछ कर दिखाया है जिसकी खूब तारीफ हो रही है। किसान तो खुश है ही और इस बार राइस मिलरों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं है। सरकार ने कस्टम मिलिंग की राशि बढाकर तीन गुना कर दी। इस बार इतनी तेजी से मिलिंग हो रहा है जितना इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ इसका फायदा यह हो रहा है कि इस बार धान सड़ने से रुक गया, सूखत आदि की समस्या नहीं आएगी। पहली बार राईस मिलरों को ही 1200 करोड़ रुपए धान उपार्जन के लिये मार्च प्रथम सप्ताह तक मिल जायेगा। वर्षो बाद राइस मिल इण्डस्ट्रीज में बूम आ गई है। राइस मिलरों ने एफसीआई और रेलवे जैसे विभाग को ऐसा खुश किया है कि रैक नहीं मिलने व चावल की गुणवत्ता पर बवाल ही खड़ा नहीं हुआ। सरकार का भी सुखत व धान खरीदी से होने वाले सैकड़ों करोड़ के नुकसान से बच गई है। कहा जा रहा है कि अब केन्द्र सरकार उसना चावल लेने पर भी सहमति दे सकता है। कुल मिलाकर सरकार हर किसी को बाट कर फायदे में है।

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