
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर बारीक व्यक्ति माने जाते हैं। वो अपना शत-प्रतिशत देने की पूरी कोशिश करते हैं। लेकिन कहीं उन्हें कमियां नजर आती है, तो गुस्सा जाहिर करने में पीछे नहीं रहते। बीरगांव चुनाव में उन्होंने भरपूर मेहनत की। पार्टी संगठन की अपनी तैयारी नहीं थी। इसको लेकर वे जिला भाजपा अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी से नाराज चल रहे हैं। पिछले दिनों सुंदरानी चुनाव कार्यालय में अजय चंद्राकर से मिलने उनके कक्ष में पहुंचे, तो उन्हें देखते ही अजय चंद्राकर बुरी तरह बिफर गए। उन्होंने बिना अनुमति के कक्ष में प्रवेश करने पर श्रीचंद सुंदरानी को जमकर लताड़ लगाई। अजय का रौद्र रूप देखकर श्रीचंद सहम गए। बाद में सफाई देकर किसी तरह अजय का गुस्सा शांत कराया।
नंबर वन कलेक्टर के खिलाफ जांच
चर्चा है कि जिस कलेक्टर को कामकाज के मामले में नंबर वन समझा जाता है। उसके खिलाफ जल्द ही प्रकरण दर्ज हो सकता है। बताते हैं कि स्थानीय विधायक ने कलेक्टर के घोटाले को पकड़ा था। उसने विभागीय मंत्री तक दस्तावेज समेत शिकायत पहुंचाई। मंत्रीजी ने अपने स्तर पर घोटाले की पड़ताल करवाई तो लंबा गोलमाल का पता चला है। मंत्रीजी मानते हैं कि कलेक्टर के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। कुछ लोग बताते हैं कि यह घोटाला कांकेर के मनरेगा घोटाले की तर्ज पर हुआ है। अभी तक तो सब चुप है, लेकिन देर-सबेर यह मामला सुर्खिया बटोरेगा।
मंत्री की मुश्किल
कोरबा विधायक व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल सरकार बनने के बाद अलग-अलग कारणों से हर समय परेशानी में नजर आए। मनपसंद जिलाधीश व पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति नहीं होने से क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को हल करने में परेशानी की शिकायत रही। सक्रिय व तेज तर्रार विधायक गुटीय राजनीति में विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत के करीबी माने जाते है। उनके कोटे से ही मंत्री बने हैं मंत्री की सिफारिशें फाइल बहुत धीमी गति से चल रही है। ऊपर से तीन अलग अलग मामले पर राज्य सरकार की पैनी निगाह लगी हुई है। इन मामलों में कानूनी कार्रवाई की शक्ति से मंत्री के मुश्किलें बढ़ सकती है।
मंत्री की कहानी उन्हीं की जुबानी
छत्तीसगढ़ सरकार में सर्वाधिक समय तक परिवहन विभाग चलाने वाले मंत्री अब पद में उतरने के बाद परिवहन विभाग के काम व संचालन की तारीफें की कसीदे पढ़ रहे हैं। परिवहन विभाग में सुव्यवस्थित और भाई-चारा से चलने वाले समाजवादी व्यवस्था में किस तरह सरपंच से लेकर मंत्री की गतिविधियां चलती है इस तरह विपक्षी नेता और समाज के अन्य वर्ग शामिल रहते है। इसकी कहानी उनकी जुबान से सुनकर हक्के बक्के रह जायेंगे।