- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत लाभार्थियों को दिए जाने वाले उपहार में दुल्हनों को पायल और बिछिया नहीं दी गई
चंदौली: उत्तर प्रदेश के चंदौली में जिलाधिकारी ने बीडीओ सहित 3 कर्मचारियों को निलंबित किया है. लेकिन इन अधिकारियों के निलंबन की वजह आप जानकर हैरान रह जाएंगे. इन अधिकारियों पर आरोप लगा था कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत लाभार्थियों को दिए जाने वाले उपहार में दुल्हनों को पायल और बिछिया नहीं दी गई थी. जांच के बाद यह आरोप सही पाया गया. जिस पर कार्रवाई करते हुए डीएम ने इन तीनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया.
दरअसल, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 10 जून 2022 को सदर विकासखंड में सामूहिक विवाह का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसमें सरकार की तरफ से उपहार भी दिए जाते हैं. इस दौरान सदर ब्लॉक के बीडीओ और अन्य कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती गई और सामूहिक विवाह में शामिल दुल्हनों को बिछिया और पायल नहीं दी गई.
इस मामले की शिकायत चंदौली के जिला अधिकारी संजीव सिंह के पास में पहुंची थी. जिसका संज्ञान लेते हुए डीएम चंदौली ने पूरे मामले की जांच करने के लिए कमेटी गठित कर दी थी. इस कमेटी में एसडीएम सदर और जिला समाज कल्याण अधिकारी शामिल थे. जांच कमेटी की रिपोर्ट में सदर ब्लॉक के बीडीओ और ग्राम विकास अधिकारी सहित तीन अधिकारियों को दोषी पाया. आरोप सिद्ध होने के बाद जिलाधिकारी चंदौली ने इन तीनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
जानिए क्या है मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना?
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने उन गरीब कन्याओं के विवाह के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत की थी, जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और धनाभाव के चलते उनकी शादी में कहीं ना कहीं परेशानी होती थी. इस योजना के तहत गरीब वर्ग के नवविवाहित जोड़ों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. साथ ही साथ सरकार की तरफ से नवविवाहित जोड़ों को घरेलू उपयोग में आने वाली वस्तुएं उपहार स्वरूप दी जाती हैं.
इसके साथ ही कन्या को आभूषण के तौर पर पायल और बिछिया भी उपहार स्वरूप दिए जाने का प्रावधान किया गया है. खास बात यह भी है कि इस योजना का लाभ एक परिवार की अधिक से अधिक 2 लड़कियां उठा सकती हैं. इसके लिए बकायदा आवेदन करना पड़ता है जिसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से किया जा सकता है.