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बस्तर में तीस लाख साल पुरानी प्रजाति का ट्री फर्न मिला, जुरासिक काल में था डायनासोर का चारा

रायपुर : जैव विविधता से भरे बस्तर वनांचल में प्रकृति के अनेक रहस्य छिपे हुए हैं। पूरे बस्तर क्षेत्र में अनेक प्रजाति के पेड़-पौधों का खजाना है। बस्तर में कई प्रजाति के पेड़ ऐसे हैं, जिनकी उम्र सौ वर्ष से एक हजार वर्ष तक की है। इसी कड़ी में जैव विविधता बोर्ड ने बस्तर में 30 लाख वर्ष पुराने जुरासिक काल के समय का ट्री फर्न नामक पौधा मिलने का दावा किया है। उक्त प्रजाति का पौधों की उम्र अफसरों ने चार से पांच सौ वर्ष होने का दावा किया है। ट्री फर्न नामक पौधा दंतेवाड़ा स्थित बैलाडीला की ऊंची पहाड़ियों में मिला है। जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव अरुण कुमार पाण्डेय के मुताबिक ट्री फर्न की खोज वर्ष 2008 में की गई थी। इसके बाद से इस पेड़ के बारे में जानकारी जुटाई गई। पेड़ के संबंध में जानकारी जुटाने के बाद वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुवा, सीसीएफ जगदलपुर और वे उक्त स्थान का निरीक्षण करने गए। अफसर के अनुसार ट्री फर्न दंतेवाड़ा के बैलाडीला के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में 35 हेक्टेयर में मिला है। पौधों की संख्या 459 है। उक्त पौधा विलुप्त प्रजाति का होने की वजह से ट्री फर्न की जैव विविधता के लिहाज से संरक्षण, संवर्धन करने की बात श्री पाण्डेय ने कही।

ट्री फर्न पचमढ़ी और बस्तर में

अफसर के अनुसार ट्री फर्न नामक पौधा दलदली जमीन में उगता है। बैलाडीला में ट्री फर्न की दो प्रजाति अलसोफिला स्पिनुलोसा और अलसोफिला जीएंट प्रजाति का पौधा मिला है। अफसर ने इस प्रजाति के पौधे मध्यप्रदेश स्थित पचमढ़ी के बाद बस्तर के बैलाडीला की पहाड़ियों में मिलने का दावा किया है। अफसर के अनुसार उक्त पौधा नमीयुक्त दलदली जमीन में उगता है। बैलाडीला में जहां उक्त प्रजाति के पौधे मिले हैं, वहां बारहमासी नाला बहने की वजह से जमीन दलदली है। इस वजह से ट्री फर्न प्रजाति का पौधा यहां मिला है।

ऊंचाई महज 10 से 20 फीट

अफसर के अनुसार उक्त पौधे की ऊंचाई चार से पांच सौ वर्ष में महज 10 से 20 फीट होती है। ऊंचाई के आधार पर पौधों की उम्र की गणना करने की बात अफसर ने कही है। साथ ही ट्री फर्न में किसी तरह के फूल या फल नहीं लगते। पत्तियां नुकीली होती हैं। स्थानीय ग्रामीण ट्री फर्न की पत्तियों का औषधीय उपयोग करते हैं।

संरक्षित क्षेत्र घोषित करेंगे

राज्य के बैलाडीला में पहाड़ियों पर ट्री फर्न मिलना गौरव का विषय है। जहां ट्री फर्न मिला है, उक्त क्षेत्र को संरक्षित किया जाएगा। इसे हैरिटेज साइट घोषित करने प्रस्ताव तैयार कर 15 दिन के अंदर शासन को पत्र प्रेषित किया जाएगा।

– अरुण कुमार पाण्डेय, सदस्य सचिव, जैव विविधता बोर्ड

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