रायपुर । क्या सुर्खियां बटोरने के लिए पूर्व आईएएस ओपी चौधरी ने कथित कोयला तस्करी का फर्जी वीडियो बनवाया है ? अब तक की जांच से तो यही पता चल रहा है।
कलेक्टरी छोड़ कर राजनीति में आने वाले ओपी चौधरी का राजनीतिक सफर कोई सफल नहीं रहा है । भाजपा के पूरी ताकत झोंकने के बाद भी विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा ।
पूर्व मुख्यमंत्री डां रमन सिंह की तमाम कोशिशों के बाद भी ओपी चौधरी को संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिल पाई है । पार्टी के लोग अनौपचारिक चर्चा में कह रहे हैं कि चौधरी ने प्रदेश में कोयला तस्करी दिखाने के लिए फर्जीवाड़ा किया है। क्योंकि वीडियो को देखकर कोई भी जानकार यह बता सकता है कि यह कोरबा के गेवरा खदान का नहीं है ।
बताया गया कि गेवरा खदान का कथित वीडियो दिसंबर 2020 में बनाया गया और फिर इसको कांट छांट कर चौधरी ने 18 मई 2022 को अपने ट्विटर एकाउंट से वायरल किया है ।
पुलिस इस मामले की जांच कर रही है । ऐसा नहीं है कि अवैध कोयला खनन नहीं होता है । देश में जहाँ भी कोयला खदानें हैं वहां से् कोयला तस्करी की शिकायत आती है । धनबाद की खदानों से तस्करी को लेकर फिल्म भी बन चुकी है । वैसे भी खदानों की सुरक्षा आदि की जिम्मेदारी केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की होती है ।
यह सब जानकर भी फर्जी वीडियो वायरल करने को लेकर चौधरी पार्टी के भीतर भी किरकिरी हो रही है । पूर्व मुख्यमंत्री डां रमन सिंह के निर्देश पर चौधरी के समर्थन में प्रदर्शन की घोषणा की गई थी लेकिन ज्यादातर भाजयुमो के पदाधिकारियों ने इससे दूरी बना लिया । चौधरी की इस हरकत की भाजपा के भीतर काफी चर्चा हो रही है।