गृह निर्माण मंडल की बोर्ड मिटिंग काफी हंगामेदार और पोल खोलने से भरा रहा। मंडल के एक सदस्य ने पूरे तथ्यों के साथ यह बताया कि इस तरह डूमरतालाब-2 में दुकान आबंटन के समय भ्रष्टाचार का बड़ा खेल चला। भरी अधिकारियों की मिंटिंग में कांग्रेस के प्रवक्ता व बोर्ड के सदस्य ने धारा प्रवाह बताया कि बोर्ड ने ऑन लाईन आवेदन में किस तरह एक ही परिवार के कई सदस्यों को लगातार 2-3 दुकानें दे दिये। बिना ब्रोशर छपाए किस तरह सारे दुकानें बिक गयी? अधिकारियों ने ऑन लाईन आवेदन की पारदर्शिता का हवाला दिया तो नाराज सदस्य ने कहा आप लोगों को तो ऑन लाईन फार्म मंगाने की प्रक्रिया पर ग्रिनिश बुक रिकार्ड में नाम दर्ज होना चाहिए। अध्यक्ष समेत सभी सदस्यों से निवेदन किया कि ऐसा गलत काम मत करिए की आपके बाल-बच्चों पर इसका बुरा असर पड़े। इतना सुनते ही बैठक में सन्नाटा छा गया।
भ्रष्टाचार पर मौन!
प्रदेश में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार किस जिले में है? यह सवाल आपसे पूछा जाएगा, तो आप शायद ठीक- ठीक जवाब न दे पाएं, लेकिन जो शासन-प्रशासन पर गहरी नजर रखते हैं वो मानते हैं कि सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में हैं । एक बात और यहां भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कार्रवाई करने में मंत्रियों तक के् पसीने छूट रहे हैं ।
कहा जाता है कि जिन अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत है, उन्हें स्थानीय दबंग विधायक का संरक्षण प्राप्त है । उदाहरण के तौर पर जिले में सैकड़ों करोड़ की सिंचाई परियोजनाओं में गड़बड़ी के लिए ईई यूएस राम को जिम्मेदार ठहराया गया है । ऐसी कोई जांच एजेंसी नहीं है जहां ईई के खिलाफ शिकायत न हुई हो, लेकिन मीठे बोल बोलने वाले विभागीय मंत्री रविन्द्र चौबे कार्रवाई का हौसला नहीं दिखा पा रहे हैं ।
इसी तरह जिले के वन विभाग के शीर्ष अफसर के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के गंभीर मामले आए हैं, लेकिन वन मंत्री ने दबंग विधायक की नाराजगी को नजरअंदाज कर कार्रवाई का फैसला ले लिया है । जिले के बाकी प्रमुख पदों पर इसी तरह के नगीने विराजमान हैं और सब किसी न किसी ताकतवर नेता के करीबी माने जाते हैं । प्रशासन के प्रमुख को भी कांग्रेस के प्रभारी सचिव का करीबी माना जाता है । ऐसे में आखिर किस-किस पर कार्रवाई हो ।
सिटी सेंटर मॉल बिका
राजधानी रायपुर के मध्य स्थित सिटी सेंटर मॉल कई महिनों की नीलामी प्रक्रिया के बाद आखिरकार कलकत्ता निवासी धर्मेन्द्र जैन ने पिछले माह बैंक से खरीद लिया। बैंक में कोरोना के चलते नीलामी की प्रक्रिया एक साल से रोक कर रखी थी वह पिछले माह पूरा होने के बाद नागपुर निवासी गुप्ता के हाथों से मॉल का मालिकाना हक चला गया नया मॉल के मालिक धर्मेन्द्र जैन बिहार, उत्तराखंड,बंगाल के बड़े कारोबारी माने जाते हैं । मॉल मेंं नये तरीके से साज सज्जा और बेहत्तर बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है।
योग शिविर में अफसर का आलोम-विलोम
राजधानी में आयोजित योग शिविर कार्यक्रम में अति उत्साहित एक बड़े अधिकारी लंबा चौड़े भाषण लेकर पहुंच गये । इस भाषण का एक पेज पढ़ पाये थे कि मंच पर उपस्थित अन्य सदस्यों ने आपत्ति करते हुए मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि इतना समय अधिकारी मंच पर खड़ा होकर कार्यक्रम का श्रेय लूट लेंगे तो हम कैसे नेतागिरी कर पायेंगे। नेताओं की पीड़ा को समझते मुख्यमंत्री ने अफसर को इशारा किया। इशारे के बाद भाषण छोड़कर आये अफसर को नेताओं ने जो कहा उसकी चर्चा जोरदार हो रही है। पहले से नाराजगी झेल रहे अफसर को योग शिविर में ही आलोम-विलोम करा दिया गया।
पुलिस मुख्यालय में राहत
केन्द्र सरकार के तमाम एजेंसियों के सक्रिय होने की अटकलों के पहले राज्य पुलिस को चुस्त दुरूस्त करने की कई कोशिशें चल रही है। हाल में हुए फेरबदल के बाद सबसे ज्यादा उथल-पुथल पुलिस महकमें में देखा गया। गृह सचिव सुब्रत साहू ने विभाग में नीचे से लेकर ऊपर तक पदोन्नति,फेरबदल और नीति को अंतिम रुप देकर पुलिस मुख्यालय में चलने वाले शिकवा शिकायत को कम करने का प्रयास किया है। आगामी विधानसभा के पहले मनोज पिंगुआ की नियुक्ति में कई संदेश छिपे हैं।
गौै-मूत्र लांच करने ….
साफ्ट हिन्दूत्व की नीति पर चलने वाली भूपेश सरकार गोबर खरीदी के बाद गौ-मूत्र बिक्री का निर्णय लेकर अफसरों को पेशोपेश में डाल दिया है। गोबर खरीदी में मिल रही चुनौती और वाहवाही के बाद गौ-मूत्र बिक्री के लिए रोड़ मैप तैयार की जा रही है। इसकी पहली मिटिंग अधिकारियों के साथ हो गयी है। पहली मिटिंग में एक तरफ गौ-मूत्र का उपयोग खेती किसानी के लिए और दूसरी तरफ स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए रामदेव बाबा की तर्ज पर बेचने की जगह की तलाश होगी। कृषि पशु पालन सहित कई विभागों की टीम गौ-मूत्र लांच करने में जुट गयी है। आरएसएस का एक वर्ग सरकार की इस कोशिश की खुलेआम प्रशंसा कर भाजपा के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है।