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नई दिल्ली। लोग मानते आए हैं कि सरकारी नौकरी करने वालों को सबसे बड़ा लाभ बुढ़ापे में होता जब उन्हें पेंशन का फायदा मिलता है। हालांकि अब केंद्र सरकार कामगार, मजदूर, निजी कंपनी के कर्मचारी, बिजनेसमैन से लेकर निजी क्षेत्रों में काम करने वालों को भी पेंशन की सुविधा दे रही है।
इसके लिए केंद्र सरकार की अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) में निवेश कर लोग 60 साल बाद बुढ़ापे में आजीवन पेंशन का लाभ ले रहे हैं। माना कि पेंशन की रकम उतनी बड़ी नहीं है पर इस स्कीम में निवेश का अमाउंट में बड़ा नहीं है। उन परिवारों को ध्यान रखकर सरकार ने ये योजना शुरू की है जो छोटे-छोटे अमाउंट निवेश कर पाते हैं। जिनकी बचत काफी कम है।
इस योजना की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2020-21 में अटल पेंशन योजना और नेशनल पेंशन सिस्टम के खाताधारकों की संख्या में 23 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 31 मार्च 2021 तक इस योजना में कुल खाताधारकों की संख्या बढ़कर 4.24 करोड़ हो गई है।इसमें यदि पति-पत्नी दोनों निवेश करते हैं तो 60 साल बाद दोनों को मिलाकर 10,000 रुपए महीने की पेंशन मिलती है जिससे कई मंथली जरूरतें पूरी हो जाती है। छोटी-छोटी जरूरतों के लिए किसी के सामने हाथ फैलाने या परिवार के किसी सदस्य पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ती है।
योजना से जुड़ने के लिए ये हैं शर्तें:
इस योजना से जुड़ने के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम उम्र 40 साल होनी चाहिए। इसमें उम्र के हिसाब से मंथली प्रीमियम तय होता है। सबसे कम प्रीमियम 18 साल की उम्र में योजना का लाभ लेने पर देना पड़ता है। सबसे ज्यादा प्रीमियम 30 साल के ऊपर की उम्र वालों को देना पड़ता है। चूंकि पेंशन की न्यूनतम राशि 1000 मासिक और अधिकतम 5000 मासिक तय की गई है। प्रीमियम देते समय पेंशन की राशि को भी आधार बनाया जाता है। इस चार्ट से समझिए अलग-अलग उम्र में मंथली प्रीमियत की गणित-
यदि पेंशनधारक की मृत्यु हो गई तो…
इस योजना के तहत पेंशन ले रहे व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर वो पेंशन नॉमिनी को आजीवन मिलता रहेगा। यानी घर का कोई न कोई सदस्य इस पेंशन का लाभ लेता रहेगा। इस योजना के तहत पेंशन प्लान लेने पर इनकम टैक्स में सेक्शन 80 CCD (1B) के तहत निवेशक को 50,000 की इनकम टेक्स डिडक्शन प्रदान की जाएगी।