NOBEL PRIZE 2025 : इम्यून सिस्टम में क्रांति … 3 वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार 2025

NOBEL PRIZE 2025 : Revolution in the immune system… Nobel Prize 2025 to 3 scientists
स्टॉकहोम/वॉशिंगटन/टोक्यो। 2025 का नोबेल पुरस्कार फिजियोलॉजी या मेडिसिन के क्षेत्र में तीन वैज्ञानिकों अमेरिका की मैरी ई. ब्रंकॉ, अमेरिका के फ्रेड राम्सडेल और जापान के शिमोन सकागुची को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया है।
इन तीनों को यह सम्मान ‘पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस’ (Peripheral Immune Tolerance) पर उनके क्रांतिकारी शोध के लिए मिला है, जिसने शरीर की रक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को समझने की दिशा में एक नया अध्याय खोला है।
क्या है यह खोज?
हमारा शरीर इम्यून सिस्टम के जरिए वायरस, बैक्टीरिया जैसे खतरों से खुद की रक्षा करता है। लेकिन कभी-कभी यही सिस्टम गलती से अपने ही अंगों पर हमला कर देता है, जिसे ऑटोइम्यून बीमारी कहा जाता है।
पहले माना जाता था कि शरीर केवल “सेंट्रल इम्यून टॉलरेंस” से खुद को नियंत्रित रखता है, परंतु नोबेल विजेताओं ने यह दिखाया कि शरीर के बाहरी हिस्सों (Peripheral System) में भी “रेगुलेटरी टी सेल्स (Tregs)” नामक कोशिकाएं इम्यून सिस्टम को नियंत्रित रखती हैं।
तीनों वैज्ञानिकों की भूमिका
शिमोन सकागुची (जापान) :
1995 में उन्होंने Tregs कोशिकाओं की खोज की, जो शरीर को अपने ही ऊतकों से लड़ने से रोकती हैं। उनकी खोज ने ऑटोइम्यून रोगों की समझ बदल दी।
मैरी ई. ब्रंकॉ और फ्रेड राम्सडेल (अमेरिका) :
दोनों ने FOXP3 जीन की खोज की, जो Tregs कोशिकाओं का “मास्टर स्विच” है। इस जीन में खराबी से IPEX सिंड्रोम जैसी दुर्लभ बीमारियां होती हैं। उनके शोध ने यह साबित किया कि FOXP3 Tregs कोशिकाओं को सक्रिय रखता है और इम्यून टॉलरेंस बनाए रखता है।
मेडिकल साइंस में नई उम्मीद :
इन खोजों से रूमेटॉइड आर्थराइटिस, टाइप-1 डायबिटीज, ल्यूपस, एलर्जी और ऑर्गन ट्रांसप्लांट रिजेक्शन जैसी बीमारियों के इलाज में नई दिशा मिली है। नोबेल समिति ने कहा “यह खोज इम्यून सिस्टम की संतुलन क्षमता को समझने में मील का पत्थर है।”
पुरस्कार और सम्मान
तीनों वैज्ञानिकों को कुल 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (लगभग 8.5 करोड़ रुपये) की राशि दी जाएगी। नोबेल पुरस्कार समारोह दिसंबर 2025 में स्टॉकहोम (स्वीडन) में आयोजित किया जाएगा।