NCERT BOOK CONTROVERSY : ‘रीना’ ने ‘अहमद’ को ही क्यों लिखी चिठ्ठी? पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा देने का लगाया आरोप
NCERT BOOK CONTROVERSY: Why did ‘Reena’ write a letter to ‘Ahmed’ only? Pandit Dhirendra Shastri accused of promoting ‘Love Jihad’
डेस्क। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की किताब में छपी एक चिट्ठी को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी अब इसके विरोध में उतर आए हैं. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि रीना ने अहमद को ही चिठ्ठी क्यों लिखी? वह आकाश, अविनाश, आदर्श को भी चिट्ठी लिख सकती थी. उन्होंने दावा किया कि यह सोची-समझी साजिश नजर आती है. इससे ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा दिया जा रहा है.
बागेश्वर धाम पर लगे दरबार में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने एनसीईआरटी किताब में छपी चिट्ठी पर अपनी प्रतिक्रिया दी. कहा कि एनसीईआरटी की कक्षा तीसरी की पुस्तक में ‘लव जिहाद’ जैसे विषय को छापा गया है. ऐसे में अबोध बच्चों के मन में बचपन से ही गंदे विचार भरे जा रहे हैं. शास्त्री ने सवाल उठाया कि अहमद के स्थान पर अविनाश, आदर्श, आकाश जैसा नाम क्यों नहीं हो सकता? रीना ने अहमद ने ही पत्र क्यों लिखा? किताब में इस तरह की सामग्री दिए जाने के पीछे भी कोई मकसद हो सकता है!
धीरेन्द्र शास्त्री ने मांग की है कि सभी किताबों को वापस मंगाकर इस तरह के चैप्टर को तुरंत हटाना चाहिए. उन्होंने कहा कि धर्म विरोधियों की ताकत लगातार हावी हो रही है. 100 करोड़ हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि चिट्ठी के प्रारूप को समझने में जिस तरह की भाषा इस्तेमाल की गई है, उससे तमाम तरह के प्रश्न खड़े हो रहे हैं. शास्त्री ने पूछा कि कक्षा तीन में पढ़ने वाली हिंदू लड़की आखिर मुसलमान लड़के को पत्र क्यों लिखे? छोटे बच्चों में इस तरह की भावनाएं विकसित करने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक अभिभावक डॉ राघव पाठक ने पुलिस को लिखित शिकायत दी है. इसमें आरोप है कि NCERT की कक्षा-3 के पर्यावरण विषय के पेज नंबर-17 पर ‘चिट्ठी आई है’ नाम से एक शीर्षक है. जिसमें ‘रीना’ नाम की लड़की ‘अहमद’ को छुट्टियों में अगरतला आने का निमंत्रण देती है.
राघव पाठक ने खजुराहो एसडीओपी को दिए शिकायती आवेदन में लिखा, मैं अपने बच्चों का सिलेबस चेक करता हूं. मेरी बेटी हिंदी मीडियम में कक्षा तीन में पढ़ती है, तो एनसीईआरटी की पर्यावरण की पुस्तक में 17 अध्याय का प्रकरण है. ‘चिट्ठी आई है’ शीर्षक के साथ लिखा है- अहमद तुम बताओ! कैसे हो? हम सब दोस्तों को तुम्हारी याद आती है. आशा है छुट्टियों में तुम अगरतला आओगे. सभी बड़ों को प्रणाम, तुम्हारी रीना.”
…तो हिंदू बोर्ड क्यों नहीं: शास्त्री
बता दें कि भोपाल में 21 सितंबर को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित क्षमावाणी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभा को संबोधित करते हुए जैन कल्याण बोर्ड का गठन करने की घोषणा की थी. धीरेंद्र शास्त्री ने धाम से बयान देने हुए कहा कि सरकारें वक्फ बोर्ड, जैन बोर्ड का गठन कर सकती हैं तो हिंदू बोर्ड का गठन क्यों नहीं कर सकतीं? बाबा ने मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री की सराहना की और कहा कि जैसे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जैन बोर्ड का गठन करने की बात कही है, उसी के अनुसार भारत में सनातन हिंदू बोर्ड का भी गठन होना चाहिए ताकि मंदिरों मे हिंदू ही मंदिरों की सेवा करेगा और कार्य भार देखेंगे और पूजा-पाठ में उपयोग होने वाली वस्तुओं की नियमित रूप से पवित्रता की जांच कर पाएंगे. धर्म विरोधी नास्तिक देखभाल करेंगे तो वह धर्म भ्रष्ट करते ही रहेंगे. पता हो कि आंध्रप्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद स्वरूप बांटे जाने वाले लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मिली होने की खबर के बाद देशभर के संत हिंदू बोर्ड के गठन की मांग कर रहे हैं.