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NAVRATRI SPECIAL : नौ देवी रूपों जैसी नौ महिला IAS-IPS, जिनसे खनन माफिया से लेकर नक्सलियों तक खौफ खाते हैं

NAVRATRI SPECIAL: Nine female IAS-IPS officers, like the nine goddesses, are feared by everyone from the mining mafia to the Naxalites.

रायपुर/भोपाल। नवरात्रि 2025 के पावन पर्व पर जहां देशभर में माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जा रही है, वहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ कैडर की 9 महिला IAS-IPS अधिकारी भी अपने साहस, नेतृत्व और कड़ी मेहनत से प्रशासनिक सेवा में “नारी शक्ति” का परचम लहरा रही हैं। इन अफसरों ने न केवल अपने संघर्षों और उपलब्धियों से लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं, बल्कि खनन माफिया और नक्सलियों तक में खौफ पैदा किया है।

1. IAS स्वाति मीणा

राजस्थान के छोटे से गांव से निकलकर IAS बनीं स्वाति मीणा ने 22 साल की उम्र में UPSC पास किया। मंडला में पोस्टिंग के दौरान खनन माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर चर्चा में आईं।

2. IAS टीना डाबी

UPSC 2015 की ऑल इंडिया टॉपर, जो वर्तमान में राजस्थान के बाड़मेर की कलेक्टर हैं। भोपाल में पली-बढ़ी टीना ने सीमावर्ती जिलों में अपनी प्रशासनिक कुशलता से अलग पहचान बनाई।

3. IAS सृष्टि जयंत देशमुख

2018 में UPSC टॉपर (महिला श्रेणी) रहीं सृष्टि वर्तमान में बुरहानपुर में जिला पंचायत CEO हैं। अपनी मेहनत और सरल स्वभाव से वे युवाओं की रोल मॉडल बनीं।

4. IAS तपस्या परिहार

नरसिंहपुर की किसान परिवार से निकलकर UPSC में AIR-23 पाई। प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ उन्होंने सामाजिक रीतियों के खिलाफ खड़े होकर अलग पहचान बनाई।

5. IAS छवि भारद्वाज

2008 बैच की अफसर, जिन्होंने जबलपुर और डिंडौरी जैसे जिलों में ईमानदारी और सख्ती से काम किया। भ्रष्टाचार के खिलाफ FIR दर्ज कराकर मिशाल पेश की।

6. IPS सिमाला प्रसाद

2011 बैच की IPS, जिनका थिएटर और फिल्म जगत से भी जुड़ाव रहा। भोपाल और जबलपुर में अपनी कार्यशैली से लोकप्रिय हुईं।

7. IPS अनु बेनीवाल

2022 बैच की अधिकारी, जिन्हें ग्वालियर-चंबल में खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए ‘लेडी सिंघम’ कहा जाता है।

8. IPS कृष्णावेणी देशावतु

भोपाल SAF की DIG, जिन्होंने कोविड काल में साइकिल से पेट्रोलिंग कर मिसाल पेश की। वे अपनी सख्ती और फिटनेस के लिए जानी जाती हैं।

9. IPS अंकिता शर्मा

छत्तीसगढ़ कैडर की पहली महिला IPS, जिन्होंने नक्सल प्रभावित बस्तर में बहादुरी से मोर्चा संभाला। उनकी कहानी संघर्ष और साहस का प्रतीक है।

नवरात्रि पर प्रेरणादायक संदेश

ये सभी अफसर माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की तरह समाज में साहस, करुणा, ईमानदारी और शक्ति का प्रतीक बनी हैं। नवरात्रि 2025 पर उनकी उपलब्धियां नारी शक्ति के महत्व को और भी उजागर करती हैं।

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