MAHAKUMBH 2025 CONCLUDES : महाकुंभ 2025 का भव्य समापन, पीएम मोदी ने लिखा – ‘एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ’

MAHAKUMBH 2025 CONCLUDES: Grand finale of Mahakumbh 2025, PM Modi wrote – ‘Mahayagya of unity completed’
नई दिल्ली। प्रयागराज महाकुंभ 2025 का आज औपचारिक समापन हो गया। 45 दिनों तक चले इस आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महासंगम ने करोड़ों श्रद्धालुओं को एक सूत्र में पिरोया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर महाकुंभ के समापन पर एक विशेष संदेश साझा किया और इसे ‘एकता का महायज्ञ’ करार दिया।
पीएम मोदी का भावुक संदेश
पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा “महाकुंभ संपन्न हुआ…एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में पूरे 45 दिनों तक जिस प्रकार 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ी, वो अभिभूत करता है! महाकुंभ के पूर्ण होने पर जो विचार मन में आए, उन्हें मैंने कलमबद्ध करने का प्रयास किया है।”
महाकुंभ संपन्न हुआ…एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में पूरे 45 दिनों तक जिस प्रकार 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ी, वो अभिभूत करता है! महाकुंभ के पूर्ण होने पर जो विचार मन में आए, उन्हें मैंने कलमबद्ध करने का… pic.twitter.com/TgzdUuzuGI
— Narendra Modi (@narendramodi) February 27, 2025
इसके साथ ही पीएम मोदी ने महाकुंभ पर एक विस्तृत लेख भी साझा किया, जिसमें उन्होंने इस आयोजन को भारत की संस्कृति, आध्यात्मिक चेतना और एकता का प्रतीक बताया।
‘महाकुंभ – एकता का पर्व’
पीएम मोदी ने अपने लेख में महाकुंभ को ‘एकता का महाकुंभ’ बताते हुए कहा कि यह केवल स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की आत्मा, संस्कार, और अखंडता का प्रतिबिंब है। उन्होंने महाकुंभ को देवभक्ति से देशभक्ति तक की यात्रा बताते हुए कहा कि यह पर्व हमें समरसता, प्रेम और राष्ट्रीय चेतना का साक्षात्कार कराता है।
पीएम मोदी ने लिखा – “इस महाकुंभ में हमने देखा कि कैसे लाखों श्रद्धालु बिना किसी औपचारिक निमंत्रण के, केवल अपनी आस्था के बलबूते संगम तट की ओर बढ़ते चले गए। यह दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसकी तुलना किसी और कार्यक्रम से नहीं की जा सकती।”
महाकुंभ के सफल आयोजन पर आभार
प्रधानमंत्री ने महाकुंभ की व्यवस्था संभालने वाले सभी लोगों – सफाईकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों, नाविकों, वाहन चालकों, और स्थानीय प्रशासन की सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से प्रयागराज के निवासियों का धन्यवाद किया, जिन्होंने इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा – “प्रयागराज के लोगों ने जिस प्रेम और सेवाभाव से श्रद्धालुओं का स्वागत किया, वह अतुलनीय है। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों की एकता और संकल्प का प्रतीक था।”
‘विकसित भारत’ का संदेश
पीएम मोदी ने इस महाकुंभ को भारत की नई ऊर्जा और भविष्य की दिशा से जोड़ते हुए लिखा कि यह केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का एक संदेश है। उन्होंने महाकुंभ के 144 वर्षों के चक्र का जिक्र करते हुए बताया कि हर महाकुंभ समाज को नए दिशा-निर्देश देता है और इस बार यह संदेश है – ‘विकसित भारत’!
“महाकुंभ हमें सिखाता है कि जब देश के लोग एकजुट होते हैं, तो असंभव भी संभव हो जाता है। अब इसी एकता और संकल्प के साथ हमें विकसित भारत के निर्माण में जुटना है।”
पीएम मोदी करेंगे सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन
महाकुंभ के समापन के बाद पीएम मोदी जल्द ही द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रथम – श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने जाएंगे। उन्होंने कहा कि वहां जाकर वे 140 करोड़ देशवासियों के उज्ज्वल भविष्य और एकता की प्रार्थना करेंगे।
एकता की धारा बहती रहेगी…
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश के अंत में कहा कि महाकुंभ का भौतिक समापन हो सकता है, लेकिन इसकी आध्यात्मिक ऊर्जा और एकता की भावना हमेशा बहती रहेगी।
“गंगा की अविरल धारा की तरह, महाकुंभ की आध्यात्मिक चेतना और एकता की धारा भी निरंतर बहती रहेगी। अब हमें इस एकता के संकल्प को जीवन मंत्र बनाना है और राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में जुट जाना है।”
महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन ने विश्व में भारत की सांस्कृतिक शक्ति और सामाजिक एकता की नई मिसाल पेश की है। यह एक आध्यात्मिक यात्रा के साथ-साथ राष्ट्रीय चेतना का महापर्व भी बन गया।