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CG ALERT : मध्यप्रदेश में खांसी की खतरनाक सिरप से बच्चों की मौत, छत्तीसगढ़ में अलर्ट …

CG ALERT : Children die due to dangerous cough syrup in Madhya Pradesh, alert in Chhattisgarh…

रायपुर/भोपाल। मध्यप्रदेश में ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप पीने से 16 बच्चों की मौत के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। राज्य सरकार ने 2 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार की खांसी या सर्दी-जुकाम की दवा देने पर पूरी तरह रोक लगा दी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी खांसी की सिरप या सर्दी-जुकाम की दवाएं नहीं दी जानी चाहिए। 5 साल से कम उम्र के बच्चों में इन दवाओं का इस्तेमाल आम तौर पर सुरक्षित नहीं माना जाता। अब मेडिकल स्टोर संचालक बिना डॉक्टर की पर्ची के ये दवाएं नहीं देंगे।

छत्तीसगढ़ में सख्त कदम

स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) और सिविल सर्जनों को जरूरी निर्देश जारी किए हैं। सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों को गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा, और उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।

साथ ही, ड्रग इंस्पेक्टर्स की टीम ने दवा निर्माण इकाइयों का रिस्क-बेस्ड निरीक्षण शुरू कर दिया है। प्राइवेट फार्मेसियों में अचानक जांच की जा रही है। लोगों को भी डॉक्टर की सलाह के बिना बच्चों को दवा देने से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में कोल्ड्रिफ सिरप नहीं उपलब्ध

रायपुर दवा संघ के उपाध्यक्ष अश्वनी विग ने बताया कि विवादित कोल्ड्रिफ कफ सिरप अभी छत्तीसगढ़ में लॉन्च नहीं हुआ है। यह सिरप तमिलनाडु की श्री सन फार्मा कंपनी बना रही है और राज्य में इसका डिपो नहीं है। शेड्यूल H-1 श्रेणी की दवाओं को केवल डॉक्टर की पर्ची पर ही बेचा जा रहा है।

राजधानी रायपुर में 3, प्रदेश भर में 8 हजार मेडिकल दुकानें हैं, जो पूरी तरह से नियमों का पालन कर रही हैं।

डॉक्टर्स, मरीज और मेडिकल स्टोर्स के लिए एडवाइजरी

मरीजों के लिए:

सर्दी, खांसी या बुखार होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल जाएं।

यदि बच्चा 6 घंटे तक पेशाब नहीं करता, तो डॉक्टर को दिखाएं।

झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज न कराएं।

ताजा खाना और उबला पानी दें, स्वच्छता का ध्यान रखें।

मेडिकल स्टोर्स के लिए:

बिना प्रिस्क्रिप्शन कोई कंबिनेशन ड्रग्स न दें।

प्रतिबंधित सिरप न बेचें।

एंटीबायोटिक भी बिना पर्ची न दें।

डॉक्टर्स के लिए:

बच्चे जो पहले से कोई दवा ले रहे हैं, उनकी निगरानी करें।

6 घंटे तक पेशाब न करने पर ऑब्जर्वेशन में रखें और जरूरत पड़ने पर हायर सेंटर रेफर करें।

मध्यप्रदेश की रिपोर्ट

छिंदवाड़ा जिले में 11 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत के मामले में रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि कोल्ड्रिफ सिरप में 46.2% डायएथिलिन ग्लायकॉल (DEG) मौजूद था। वहीं, तमिलनाडु की रिपोर्ट में 48.6% DEG मिली थी।

इसके बाद मध्यप्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो-डीएस कफ सिरप को बैन कर दिया। इन सिरप की वजह से बच्चों की मौत हुई।

 

 

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