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KHABAR CHALISA SUNDAY SPECIAL : तिरछी नजर – रथ में बैठने रस्साकसी

KHABAR CHALISA SUNDAY SPECIAL: Slanting Look – Tug of war to sit in the chariot

प्रदेश में छत्तीस रियासतें थीं । हर राजाओं की अपनी एक अलग परंपरा और सरकार चलाने के तरीके थे। इसमें से अधिकांश गोड़ राजा थे। बस्तर में दशहरा अवसर पर रंगारंग धार्मिक आयोजन होता रहा है। इस परंपरा में शामिल होने इस बार देश के गृहमंत्री अमित शाह आए। दशहरा कार्यक्रम में अमित शाह की उपस्थिति से अलग ही संदेश देश में गया है। नक्सलवाद खत्म करने के दिन गिनाते हुए एक बार फिर नक्सलियों को ललकारा है। बस्तर दशहरा में इस बार राज परिवार के मुखिया रथयात्रा में बैठना चाहते थे। उनकी मांग को आदिवासी समाज ने अस्वीकार कर दिया। विवाद बढ़ते देख राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने राज परिवार के मुखिया को समझाया।

पटेल समाज ने राज परिवार को रथयात्रा में रथ में बैठने की मांग कर दी । बंद हुई परंपरा को फिर से शुरू करने की मांग को भी नकार दिया गया । बस्तर राजा के हाथ मायूसी लगी। गृहमंत्री अमित शाह स्थितियों को भापंते हुए जगदलपुर प्रवास के दौरान राजमहल जाकर पूरे परिवार से मिले। अमित शाह के राजमहल जाने के बाद परिवार को मिले तवज्जो भविष्य के कई संकेत है। खास बात ये है कि राजपरिवार का गुजरात से सीधा संबंध हैं। महारानी गुजरात की है हैं। यही नहीं, राजपरिवार के मुखिया कमलचंद भंजदेव का विवाह का गुजरात की रियासत में हुआ है।

रथ में बैठने रस्साकसी-2

रथ को खिंचने के लिए भक्तों में होड़ लगी होती है लेकिन राजपरिवारों में रथ में बैठने कई जगह विवाद चल रहा है। पूर्व सांसद देवव्रत सिंह के खैरागढ़ राजपरिवार के सदस्य आपस में रथयात्रा में बैठने झगड़ते रहे। दरअसल, दशहरे के दिन खैरागढ़ में निकलने वाले रथयात्रा में राजपरिवार के मुखिया के बैठने की परंपरा है। इस बार परंपरा को कौन निभायेगा, इसको लेकर खैरागढ़ राजपरिवार में घमासान चलता रहा। देवव्रत सिंह की पहली तलाक शुदा पत्नी के पुत्र व पुत्री अपने आप को असली वारिस मानकर राजपरिवार के सभी दायित्वों को निभा रहे हैं। यह बात दूसरी पत्नी और उनके परिवार को नागवार गूजर रहा है। दशहरे के एक दिन पहले ही विवाद थाने तक पहुंच गया था। शिकवा-शिकायत के बाद देवव्रत सिंह की पहली पत्नी के बच्चों को राजनीतिक व प्रशासनिक संरक्षण मिलने के कारण रथ में बैठकर रस्म अदायगी की।

सचिव की कार्यशैली से नाखुश मंत्री

शिक्षामंत्री गजेन्द्र यादव की सक्रियता इन दिनों प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। मंत्री जी पूरे विभाग के कामकाज को बदलने में जी-जान से लगे हुए है। चर्चा है कि हर काम में अड़ंगा डालने वाले स्कूल शिक्षा सचिव को भी बदलने की मांग करने लगे हैं। शिक्षा सचिव कोमल परदेशी ऐसे ही कम लोगों से मिलते हैं। उनकी काम की अलग स्टाईल है। उसी स्टाईल से अभी भी काम कर रहे हैं जो मंत्री जी को नागवार गुजर रहा है। शिक्षा विभाग में संघ का भी काफी दखल है।

संघ से जुड़े शिक्षाविदों की सिफारिशों को भी फिलहाल दरकिनार कर रहे हैं। पिछले दिनों संगठन के एक बड़े पदाधिकारी से फोन में कहा-सुनी भी हो गयी।

ननकी राम के बहाने ..

पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर के एक दिवसीय धरना को लेकर शनिवार दिनभर राजनीतिक और प्रशासनिक सरगर्मी रही। ननकी राम कंवर के धरने को भाजपा के असंतुष्ट नेताओं विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों का भी अप्रत्यक्ष समर्थन रहा। कोरबा के पूर्व विधायक जयसिंह अग्रवाल भी लगे हाथ राजनीतिक रोटी सेंकने में लगे हुए है। कई गुटों में बंटे मंत्रालय केे अधिकारी भी ननकी राम कंवर की मांगों का समर्थन करते दिख रहे थे। एक तीर से कई निशाना साधते हुए ननकी राम कंवर की मांगो को हल कराने की कोशिश भी की गयी। सत्ता व संगठन की सक्रियता से यह मामला फिलहाल शांत हो गया है । आगामी दिनों होने वाले राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियों में इसका असर देखने को मिल सकता है।

राष्ट्रपति का नवम्बर में दौरा

नवम्बर माह में छत्तीसगढ़ की राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियां तेज रहेंगी। देशभर के वीआईपी के आगमन की तैयारी चल रही है। प्रधानमंत्री मोदी स्वंय दो बार आयेंगे। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के नवम्बर मध्य में छत्तीसगढ़ प्रवास की तैयारी शुरू हो गयी है। राष्ट्रपति भवन से कार्यक्रम की सहमति मिलने के बाद प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती रहेगी। देशभर के डीजीपी भी नवम्बर में राजधानी रायपुर में रहेंगे। राज्योत्सव की तैयारी में लगे अधिकारी व मंत्रियों को कई बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है। देश के कई और बड़े लोगों को आमंत्रित करने का कार्यक्रम की रुपरेखा बनाई जा रही है।

आईएएस-आईपीएस में एक और फेरबदल..

प्रदेश के आईएएस और आईपीएस अफसरों के तबादले अटकलें हैं । सीएम विष्णु देव साय संभवत: 13 व 14 अक्टूबर को कलेक्टर कांफ्रेस लेकर प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियों की सुध लेंगे। प्रशासन में कसावट लाने के लिए कई जिलों में गड़बड़ी की खबरों के चलते कलेक्टर, एसपी के निपटने के संभावना है। महासमुंद एसपी प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जा रहे हैं। उनके स्थान पर जाने के लिए कई अधिकारी प्रयासरत है। राजभवन में पदस्थ सुनील शर्मा एसपी बनने के जुगाड़ में लगे हैं। डेढ़ साल के अधिक समय होने के कारण राजनांदगांव,कबीरधाम ,सक्ती ,सूरजपुर,रायगढ़ के एसपी के कामकाज की समीक्षा की जा रही है। इसमें से कुछ जिलों के अफसरों को बदले जा सकते हैं।

पंडरी में जंग

पंडरी कपड़ा मार्केट की बंद 19 दुकानों को लेकर भाजपा के अंदरखाने में खींचतान चल रही है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल और मेयर मीनल चौबे व चारों विधायक चाहते हैं बंद दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी जाए।

अवैध निर्माण के चलते ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है।इस वजह से निगम प्रशासन ने 19 दुकानों को सील कर दिया था। यद्यपि ये दुकानदार नियमितीकरण करा चुके हैं। चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी लगातार दुकान खुलवाने के लिए प्रयासरत रहे हैं, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई। दीवाली का सीजन है और व्यापारी दुकान खुलवाने के लिए भटक रहे हैं।
मामला सीएम हाउस तक पहुंचा। सीएम ने दुकान खोलने की अनुमति देने पर सहमति जताई। मगर किसी ने अड़ंगा लगा दिया और दुकान खोलने की अनुमति देने का मामला अटक गया।

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