
KHABAR CHALISA SPECIAL Sneak Peek: Who will become PCC Chief?
लोकसभा चुनाव के नतीजे चाहे जो भी हो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का बदलना तय माना जा रहा है। चर्चा है कि पूर्व डिप्टीसीएम टीएस सिंहदेव को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी जा सकती है।
यह भी कहा जा रहा है कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल को राष्ट्रीय महासचिव का पद दिया जा सकता है।इन सबके बीच पूर्व मंत्री मोहनमरकाम का भी कद बढ़ेगा। और डां शिव डहरिया को भी अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। फिलहाल तो बदलाव पर काफी बातें होरही है। ये सब बदलाव जून में होने के संकेत हैं।
जीपी के बंगले की रौनक
जबरिया रिटायर किए गए आईपीएस अफसर जीपी सिंह की बहाली भले ही न हुई हो, लेकिन उनकी वापसी की तैयारी चल रही है।इसका अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके पेंशनबाड़ा स्थित पुराने सरकारी बंगले में रंग रोगन चल रहा है।
यह बंगला अभी उन्हें औपचारिक तौर पर आबंटित नहीं किया है, लेकिन इसमें काम जारी है। दिलचस्प बात यह है कि जीपी सिंह कीबर्खास्तगी के बाद खाली पड़ा था और जर्जर हो गया था। अब जीपी सिंह के आने की प्रत्याशा पूरा इलाका गुलजार हो रहा है।
फारेस्ट अफसरों की हाईप्रोफाइल ट्रेनिंग
आल इंडिया सर्विस के प्रशिक्षु अफसरों को सादगी–ईमानदारी से काम करने की सीख दी जाती रही है लेकिन ये गुजरे जमाने की बातहो गई।
अब फारेस्ट के प्रशिक्षु अफसरों की ट्रेनिंग हुई, तो फील्ड में जाने से पहले उनका नवा रायपुर के मेफेयर होटल में लंच बॉक्स डिनर होताथा। अभी से प्रशिक्षु अफसरों की फाइव स्टार होटल में पार्टी की आदत डाली जा चुकी है। अब जंगल का हाल का क्या होगा, इसकाअंदाजा लगाना मुश्किल हो गया है।
कांग्रेस का चुनाव मैनेजमेंट
आईटी डिपार्टमेंट ने कांग्रेस का बैंक अकाउंट कुछ समय के लिए सील कर दिया था लेकिन पार्टी ने यथा संभव अपने प्रत्याशियों को फंडउपलब्ध कराया।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल फरार चल रहे हैं। ऐसे में चुनाव फंड उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी खुद प्रदेश प्रभारीसचिन पायलट ने संभाली।
बताते हैं कि ज्यादातर प्रत्याशियों को डेढ़ से दो सीआर तक फंड उपलब्ध कराया गया। यह राशि सीधे प्रत्याशियों तक पहुंचाई गई।मीडिया मैनेजमेंट को हाईकमान ने सीधे अपने पास रखा था लिहाजा यहां के संचार विभाग के लोगों के हाथ खाली थे।
चंद्राकर को झटका
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर को रायपुर लोकसभा की जिम्मा दिया गया था तो उन्होंने सबसे पहले रायपुर की चारों सीट पर 70 फीसदीवोटिंग का लक्ष्य रखा था।
अजय चंद्राकर प्रशासन का मिलकर काफी सहयोग कर रहे थे। उन्होंने खुद होकर सामाजिक और व्यापारिक संगठनों के साथ बैठककी थी।
मतदान के दिन वो काफी खुश थे क्योंकि मतदान केन्द्रों में शुरूआत में काफी भीड़ दिख रही थी। उत्साही भाजपा कार्यकर्ताओं ने अजयचंद्राकर को मिठाई भी खिलाई, लेकिन देर शाम को आंकड़े आए, तो खुशी गायब हो गई। प्रदेश में सबसे कम मतदान रायपुर पश्चिम मेंहुआ बाकी तीनों सीटों पर मतदान का प्रतिशत कम रहा। चंद्राकरजी को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर रायपुर शहर की सीटों परमतदान कम क्यों हुआ।
मंत्रालय में सट्टा बाजार की गूंज
लोकसभा चुनाव में हार–जीत को लेकर काफी चर्चा हो रही है। चुनाव निपटने के बाद केंद्र में भावी सरकार की संभावनाओं पर बात होरही है। मंत्रालय– एचओडी भवन में अफसर फुर्सत के क्षणों में दूसरे राज्यों में गए चुनाव प्रेक्षक साथियों से चर्चा कर हाल चाल ले रहेहैं। लेकिन सबको सट्टा बाजार पर ज्यादा भरोसा है और वो मीडिया रिपोर्ट्स से ज्यादा फलौदी सट्टा बाजार के आंकलन पर ज्यादाभरोसा करते नजर आ रहे हैं। अभी सट्टा बाजार में स्थिति बहुत साफ नहीं है। चौथे चरण का चुनाव निपटने के बाद ही सही तस्वीर सामनेआने की उम्मीद जताई जा रही है।