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KHABAR CHALISA SPECIAL तिरछी नजर : विभाग बदला, तो खुश हुए ठेकेदार..

KHABAR CHALISA SPECIAL Sideways glance: When the department changed, the contractors became happy…


मंत्रियों के  विभागों में परिवर्तन हुआ, तो एक निर्माण विभाग के ठेकेदारों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।

बताते हैं कि मंत्रीजी के  ओएसडी ने ठेकेदारों के नाक में दम कर रखा था। चर्चा है कि प्रदेश के बाकी हिस्सों के ठेकेदारों को बस्तर में काम नहीं करने दिया जाता था और दस फीसदी तक की डिमांड की जाती थी।

राज्य प्रशासनिक सेवा के इस ओएसडी ने कमीशन की राशि बढ़ा दी थी। इस ओएसडी के खिलाफ पहले भी भ्रष्टाचार के मामले सुर्खियों में रहा है। अब सीएम के लौटने के बाद ठेकेदार संघ उनसे मिलकर सम्मान करेंगे।

हिन्दुत्व की हवा

विधानसभा चुनाव में भाजपा को हिन्दुत्व की हवा के चलते कवर्धा और बेमेतरा जिले की सीटों पर जीत मिली थी। इस जीत के बाद हिन्दुत्व का झंडा दोनों जिले में कमजोर होता दिख रहा है। हिन्दू वादी नेता कई गुटों में बंटे हैं। स्थानीय विधायकों के खिलाफ नाराजगी है। कई लोगों ने तो मोर्चा भी खोल दिया है। तमाम हालातों को देखते हुए संघ ने शनिवार को कवर्धा में एक दिवसीय कार्यशाला का नाराजगी दूर करने का प्रयास किया है। यही प्रयोग आगामी दिनों बेमेतरा जिले में भी होगा। दोनों जिले के हिन्दुत्व का झंडा बुलंद करने वाले नेताओं को सत्ता और संगठन कुछ नहीं मिला।

मंत्री के गांव में कालेज, विरोध

बेमेतरा जिले के एक मंत्री के क्षेत्र में कालेज खुलने की घोषणा पिछले सरकार में की गयी थी। कालेज के लिए जमीन आबंटन कर भूमि पूजन की तैयारी चल रही थी। इसकी भनक मंत्री को लगी तो स्थल चयन का विरोध खुद मंत्री करने लगे। क्षेत्र की जनता दो गुटों में बंट गयी। दरअसल, मंत्री कालेज अपने गांव में खुलवाना चाहते थे। गांव में कालेज खुलवाने के लिए मंत्रीजी के जिद के सामने शासन- प्रशासन को  झुकना पड़ा और मंत्री के गांव में कालेज खुल गया।

पिछली सरकार में घोषित स्थान का परिवर्तन होने के बाद उस क्षेत्र के लोग गोलबंद हो गये हैं। धरना प्रदर्शन जारी है। अब लोग आगामी चुनाव में मंत्री के खिलाफ कमर कसने की तैयारी कर रहे हैं।

विरोध की नौटंकी पर जनता की नाराजगी..

छत्तीसगढ़ के एक बड़े उद्योगपति स्टील- पॉवर  प्लांट लगाने जा रहे हैं। इस प्लांट के जन सुनवाई के दौरान दिलचस्प घटना सामने आई। उद्योगपति के करीबी एक भाजपा नेता क्षेत्र में बड़ी जमीन दिला दी। उसी जमीन में उद्योगपति प्लांट लगाने की तैयारी जोर शोर से कर रहे हैं। अब ग्रामीणों के विरोध के चलते नेताजी के छवि खराब हो रही थी। इससे बचने के लिए युवा नेता ने अपने लोगों को भेजकर विरोध में टेंट लगवा दिया। टेंट लगाकर विरोध को ग्रामीणों ने नेताजी की नौंटकी मानकर जमकर खरी खोटी सुनाई। उद्योगपति प्रभावशाली हैं। शासन-प्रशासन में प्रभाव है इसलिए भाजपा और कांग्रेस के संयुक्त विरोध के बावजूद भी सहमति मिलने के संकेत है।

बोधघाट परियोजना गले की फांस…

बस्तर में बोधघाट परियोजना को लेकर फाईल जिस गति से राजधानी रायपुर से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक दौड़ रही है उससे कई लोगों को बड़े खेल होने की आशंका नजर आ रही है। भाजपा के नेता बोधघाट परियोजना का विरोध करते हुए सैकड़ों कारण बताते हुए कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलते थे। ये नेता अब भाजपा राज में बोधघाट परियोजना को पूरा करने सक्रिय नजर आ रहे हैं। बस्तर में नक्सलवाद खत्म होने के साथ-साथ कोयले व बिजली उत्पादन के खेल में कई बड़े लोगों के कतार होने की चर्चा जोरों से है।

छुट्टी का माहौल..

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के विदेश दौरे के बाद मंत्रालय से लेकर जिला मुख्यालय तक छुट्टी का माहौल है। मुख्यमंत्री साय के साथ मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री के सचिव सहित कई प्रमुख अधिकारी भी विदेश दौरे में है। मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए कई अधिकारी भी छुट्टी में चले गये हैं। दूसरी तरफ,जिले स्तर पर कई संगठन विरोध प्रदर्शन में निकल गये हैं। जिससे भी सरकारी दफ्तर में छुट्टी का माहौल है। एक तरफ तीजा-पोला,गणेश उत्सव की धूम है। दूसरी तरफ कर्मचारी-अधिकारी भी छुट्टी में है। इससे लोगों का कामकाज ठप्प पड़ा है।

सिंघानिया को जमानत

शराब घोटाला केस में झारखंड जेल में बंद सिद्धार्थ सिंघानिया को जमानत मिल गई है। ये मैन पावर सप्लाई वाली कंपनी के संचालक हैं। उन पर छत्तीसगढ़ और झारखंड, दोनों जगह प्रकरण दर्ज है।

बताते हैं कि झारखंड में उन्हें जमानत मिल गई है। उनके खिलाफ चालान ही पेश नहीं किया जा सका। इसके बाद झारखंड की जिला अदालत ने जमानत दे दिया है।

टोल की पोल

कुम्हारी टोल प्लाजा में आख़िर ऐसा क्या है कि हर नेता उसे हटाने की आवाज़ बुलंद करता है और अचानक खामोशी ओढ़ लेता है । टोल की पोल खुली तो कई चेहरे बेनकाब होंगे। फ़िलहाल केंद्र सरकार ने अगले साल जून में इसे बंद करने का ऐलान कर दिया है । इस ऐलान के बाद नेताओं में श्रेय लेने की होड़ मची है । जबकि असलियत यह है कि दुर्ग से पारागांव (आरंग ) को जोड़ने के लिए एक नई भारतमाला सड़क बन रही है । उसे पूरा करने की मियाद जून 26 है। यानी टोल प्लाजा कुम्हारी से उठकर नई सड़क पर शिफ्ट हो जाएगा । तब जनता को और ज़्यादा टोल अदा करना पड़ेगा । शायद उनका भी ‘टोल’ बढ़ जाएगा, जो प्लाजा हटाने की क़वायद में जुटे रहते हैं ।

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