
KHABAR CHALISA SPECIAL Peeking view: Kumbh bath of officers
महाकुंभ में न सिर्फ राज्यपाल, सीएम, स्पीकर ने डुबकी लगाई, बल्कि सरकारी अफसरों ने समय निकालकर कुंभ स्नान किया। सीएम के सचिव पी दयानंद तो खुद वहां की व्यवस्था में भागीदार रहे। प्रयागराज में छत्तीसगढ़ का अलग पंडाल लगा हुआ है।
डीजीपी अरूण देव गौतम के कई आईएएस और आईपीएस अफसर अब तक कुंभ स्नान कर चुके हैं। अब तक सिर्फ रिटायर्ड आईपीएस अफसर एसएस बजाज की तस्वीर की कुंभ स्नान करते तस्वीर सामने आई है। बाकी अफसर प्रचार से दूर रहे हैं।
निगम-मंडलों में नियुक्ति..
नगरीय निकाय चुनाव में बड़ी जीत के बाद सरकार के निगम-मंडलों में नियुक्ति होने जा रही है। पहली लिस्ट में करीब एक दर्जन नेताओं के नाम हैं। ये वो नेता हैं जिन्होंने चुनाव में काफी सक्रिय भूमिका निभाई थी और विधानसभा टिकट के दावेदार रहे हैं। दो और सलाहकारों की नियुक्ति के लिए दबाव बना है। इसको लेकर अगले कुछ दिनों में तस्वीर जल्द साफ हो सकती है।
सिंधी समाज की घेराबंदी
भाजपा ने विधानसभा चुनाव में एक भी टिकट नहीं दी, लेकिन इस बार दो मेयर पूजा विधानी और रामू रोहरा सिंधी समाज से चुनकर आए हैं। यही नहीं, निवर्तमान मेयर ऐजाज ढेबर को हराने वाले अमर गिदवानी भी सिंधी समाज के हैं। इस चुनाव में सिंधी समाज ने अपनी ताकत दिखाई है।
गिदवानी के लिए विधायक सुनील सोनी के साथ केदार गुप्ता, ललित जैसिंघ अहम भूमिका निभाई और समाज के 82 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जबकि विधानसभा चुनाव में समाज के काफी कम लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
सिंधी और पंजाबी समाज के एकमुश्त वोट गिदवानी को मिले और वो अच्छे वोटों से चुनाव जीतने में कामयाब रहे।
पीएचक्यू में बदला माहौल
आईपीएस के 92 बैच के अफसर अरूण देव गौतम के डीजीपी बनने के बाद पीएचक्यू का माहौल बदला है। गौतम एक ईमानदार अफसर ने माने जाते हैं और दबाव में आकर काम करने की फितरत नहीं है।
गौतम के पूर्ववर्ती डीजीपी अशोक जुनेजा को लेकर कई अप्रिय चर्चा रही है वो उन अफसरों को भी संरक्षण देते थे जिनके कामकाज को लेकर शिकायत रही है। मगर अच्छे अफसरों को महत्व नहीं देते थे।
गौतम से उन अफसरों को भी उम्मीद है जो शीर्ष स्तर अपनी बात नहीं रख पाते थे। कुल मिलाकर गौतम के पुलिस प्रशासन काफी सुधार आने की उम्मीद है।
छाया वर्मा से शिकायत
राज्यसभा की पूर्व सदस्य छाया वर्मा से रायपुर जिले के प्रमुख कांग्रेस के नेता खफा हैं। चर्चा है कि छाया ने रायपुर नगर निगम के वार्डों से लेकर धरसीवां और तिल्दा नेवरा में प्रत्याशी चयन को लेकर हस्तक्षेप किया है।
रायपुर में तो एक पार्षद की टिकट कटवा दी, जो कि अधिकृत प्रत्याशी को हराकर निर्दलीय चुनाव जीत गए। छाया वर्मा को काफी हद तक धरसीवां, बलौदा बाजार की निकायों में हार के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।