KHABAR CHAILISA SPECIAL Peeking: Impunity to ministers
साय सरकार के तीन मंत्रियों को फिलहाल चेतावनी के साथ अभयदान दे दिया गया है। ये मंत्री शपथग्रहण लेने के बाद से ट्वेन्टी–ट्वेन्टी केअंदाज में बैटिंग कर रहे थे।
चुनाव प्रभारी और संगठन के प्रमुख नेताओं ने तीनों को बुलाकर फटकार है और चेतावनी दी है। अगर नहीं सुधरे, तो निकाय चुनाव केबाद पत्ता साफ हो जाएगा। फटकार का कितना असर होता है, यह तो आने वाले समय मे पता चलेगा।
ऐसे बने तोखन मंत्री..
बिलासपुर के सांसद तोखन साहू का मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने की कहानी काफी दिलचस्प है। जिस वक्त तोखन के पासमंत्रिमंडल में शामिल होने की सूचना आई, तो वो पास के ही मंदिर में थे। तोखन ने मोबाइल साइलेंट में रखा था। मंदिर से निकलते हीफिर मोबाइल पर कॉल आया, तो उन्होंने रिसीव किया। उनसे पीएमओ पहुंचने के लिए कहा गया।
तोखन साहू को तो पहले सूचना पर भरोसा नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने प्रदेश महामंत्री पवन साय को फोन कर पीएमओ से फोन आनेकी बात बताई। पवन साय ने फिर राष्ट्रीय सह महामंत्री शिवप्रकाश को फोन लगाया। शिवप्रकाश ने तोखन साहू का नाम मंत्रिमंडल कीसूची में होने पुष्टि की।
बाद में पवन साय ने तोखन साहू को पीएमओ जाने के लिए कहा। तोखन साहू, पीएमओ पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि उन्हें राज्यमंत्री केरूप में शपथ लेना है। पीएमओ अफसरों ने उनसे पूछा कि परिवार लेकर आए हैं क्या? ताकि शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिएवीआईपी पास जारी कर सके। तोखन साहू ने उन्हें बताया कि वो अपने एक सहयोगी के साथ ही दिल्ली आए हैं। सहयोगी के लिए पासजारी किया गया। इसके बाद पूरे प्रदेश भर से उन्हें बधाईयों का तांता लग गया।
ब्रेवरेज के लिए मारामारी
शराब कारोबार का एक तरह से सरकारीकरण कर दिया गया है। कारोबार में बिचौलिया सिस्टम को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।ब्रेवरेज कार्पोरेशन पहले की तरह महत्वपूर्ण हो गया है। रमन सरकार में शराब कारोबार, ब्रेवरेज कार्पोरेशन के माध्यम से संचालित होगा, यह व्यवस्था अब फिर से प्रभावशील हो गई है। यानी ब्रेवरेज कार्पोरेशन कई विभागों से ज्यादा महत्वपूर्ण रहेगा। यहां चेयरमैनशिप केलिए अभी से मारा–मारी शुरू हो गई है।अब किसका भाग्य खुलता है,यह आने वाले दिनों में पता चलेगा।
ढेबर संग यारी भारी..
चर्चा है कि ईओडब्ल्यू ने ढेबर परिवार के करीबी एक भाजपा नेता से पूछताछ की है। कहा जा रहा है कि भाजपा नेता की जमीन केकारोबार में ढेबर परिवार के सदस्यों के साथ अघोषित भागीदारी रही है।
चर्चा है कि भाजपा नेता उस वक्त जांच एजेंसी की नजर में आ गए जब उन्हें जमीन के एक सौदे में ढेबर के साथ करीब 10 करोड़ केलेन–देन के सबूत मिले हैं।
बताते हैं कि भाजपा नेता से जांच एजेंसी ने काफी पूछताछ की है। संभावना जताई जा रही है कि भाजपा नेता को पद मुक्त भी कियाजा सकता है।
रामगोपाल का उत्तराधिकारी कौन?
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल अब तक फरार है। पार्टी उनकी जगह किसी और को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपना चाहतीहै ताकि फंड का क्राइसेस दूर हो सके।
जिन आर्थिक रूप से मजबूत नेताओं को पार्टी जिम्मेदारी देने की सोच रही है वो जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। पड़ोस केजिले एक व्यापारी नेता को इसका प्रस्ताव दिया गया था साथ ही यह भी शर्त जोड़ दी गई कि राजीव भवन के खर्चे का बंदोबस्त उन्हेंकरना पड़ेगा। व्यापारी नेता ने हाथ जोड़ दिए। निकाय चुनाव नजदीक है। ऐसे में किनको रामगोपाल की कुर्सी सौंपी जाएगी, यह आनेवाले दिनों में पता चलेगा।