CASH RECOVERY HEARING : जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका की सुनवाई से CJI गवई अलग, नई पीठ बनेगी

CASH RECOVERY HEARING : CJI Gavai recuses himself from hearing Justice Yashwant Verma’s petition, new bench to be formed
नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई ने बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। यह याचिका उस इन-हाउस जांच समिति की रिपोर्ट को चुनौती देने के लिए दायर की गई है, जिसमें जस्टिस वर्मा को कथित “कैश रिकवरी” विवाद में दोषी ठहराया गया था।
CJI गवई ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल को बताया कि वे इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते क्योंकि वे उस समिति का हिस्सा थे, जिसने जस्टिस वर्मा का चयन किया था। गवई ने कहा कि इस मामले को सुनने के लिए एक नई संविधान पीठ का गठन होगा।
क्या है मामला?
जस्टिस यशवंत वर्मा दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश थे, जब 14 मार्च की रात उनके आधिकारिक निवास पर आग लगी। इस दौरान मौके से कैश मिलने की खबर ने विवाद को जन्म दिया। इसके बाद पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागु की अध्यक्षता में एक तीन-सदस्यीय जांच समिति बनी। इस समिति ने 10 दिनों में 55 गवाहों से पूछताछ की और अपनी रिपोर्ट दी। इस रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन CJI संजीव खन्ना ने संसद से वर्मा के खिलाफ महाभियोग की सिफारिश की।
महाभियोग प्रस्ताव
सोमवार को 208 सांसदों (145 लोकसभा, 63 राज्यसभा) ने महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति को याचिका दी। इसमें राहुल गांधी, अनुराग ठाकुर, रविशंकर प्रसाद, सुप्रिया सुले और के.सी. वेणुगोपाल जैसे नाम शामिल हैं। प्रस्ताव संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के तहत पेश किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
जस्टिस वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जांच रिपोर्ट को रद्द करने और महाभियोग प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठाए हैं। अब CJI गवई के अलग होने के बाद नई पीठ इस संवेदनशील मामले की सुनवाई करेगी।