Trending Nowदेश दुनिया

अहोई अष्टमी में राधा कुंड में स्नान करना होता है शुभ, मिलता है संतान प्राप्ति का आशीर्वाद

नई दिल्ली। संतान की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए यह अहोई अष्टमी व्रत बेहद ही खास माना जाता है। यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन किया जाता है। इस साल अहोई अष्टमी व्रत 28 अक्टूबर के दिन किया जाएगा। यह व्रत करवा चौथ के तीन दिन बाद किया जाता है। कहते हैं कि इस दिन अहोई माता की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इसके साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती और उनके पुत्रों की भी पूजा की जाती है।

मां अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना करते हुए इस व्रत को रखती हैं और श्रद्धा भाव से इस दिन पूजा की जाती है। कहा जाता है कि अहोई अष्टमी का व्रत बहुत कठिन होता है। भाग्यशाली लोगों को ही संतान का सुख प्राप्त होता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, और शाम के समय आकाश में तारे देखने के बाद अर्घ्य देती हैं और अपने व्रत का पारण करती हैं।

मान्यता है कि अहोई अष्टमी के दिन व्रत कर विधि विधान से अहोई माता की पूजा करने से मां पार्वती अपने पुत्रों की तरह ही आपके बच्चों की रक्षा करती हैं। इसके साथ ही पुत्र प्राप्ति के लिए भी यह व्रत खास महत्व रखता है। जैसा कि सब जानते हैं कि अहोई अष्टमी का व्रत महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और संतान सुख के लिए करती हैं। बता दें कि भारत में एक ऐसा कुंड भी है जिसमें यदि पति और पत्नि दोनों अहोई अष्टमी के दिन स्नान कर लें तो उन्हें शीघ्र ही संतान प्राप्ति होती है।

advt----
advt--0005-april
advt--0007-april
advt-april2025-001
Share This: