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भारत अपने सबसे उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइल ET-LDHCM का परीक्षण करने को तैयार

दिल्ली: भारत जल्द ही अपनी सबसे उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइल, एक्सटेंडेड ट्रैजेक्ट्री-लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल (ET-LDHCM) का परीक्षण करने जा रहा है। यह मिसाइल रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के गोपनीय प्रोजेक्ट विष्णु के तहत विकसित की गई है। यह मिसाइल अपनी अत्याधुनिक तकनीक, अविश्वसनीय गति और रणनीतिक महत्व के कारण भारत की सैन्य ताकत में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती है।ET-LDHCM की खास विशेषताएंगति: यह मिसाइल मैक 8 की गति से उड़ान भर सकती है, जो लगभग 11,000 किमी/घंटा है। यह ध्वनि की गति से आठ गुना तेज है, जो इसे दुनिया की सबसे तेज मिसाइलों में से एक बनाता है।रेंज: इसकी मारक क्षमता 1,500 किलोमीटर तक है, जो पूरे पाकिस्तान और चीन के बड़े हिस्से को कवर करती है। यह मिसाइल दुश्मन के क्षेत्र में गहराई तक सटीक हमले करने में सक्षम है।वॉरहेड: यह मिसाइल 1,000 से 2,000 किलोग्राम के परमाणु या पारंपरिक वॉरहेड ले जाने में सक्षम है, जिससे यह विभिन्न रणनीतिक और सामरिक मिशनों के लिए उपयुक्त है।इंटरसेप्शन-प्रूफ: ET-LDHCM की निम्न-ऊंचाई उड़ान (terrain-hugging) और उन्नत गतिशीलता इसे मौजूदा रडार और वायु रक्षा प्रणालियों से बचाने में सक्षम बनाती है।

इसका मतलब है कि इसे रोकना या ट्रैक करना लगभग असंभव है।स्क्रैमजेट इंजन: मिसाइल में एक उन्नत स्क्रैमजेट इंजन है, जो वायुमंडलीय ऑक्सीजन का उपयोग करके हाइपरसोनिक गति को लंबे समय तक बनाए रखता है। DRDO ने इस इंजन का 1,000 सेकंड का सफल ग्राउंड टेस्ट पहले ही पूरा कर लिया है।प्रोजेक्ट विष्णु: भारत की हाइपरसोनिक महत्वाकांक्षाET-LDHCM को प्रोजेक्ट विष्णु के तहत पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है। यह परियोजना भारत को हाइपरसोनिक हथियारों के क्षेत्र में अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की श्रेणी में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मिसाइल की खासियत यह है कि यह जमीन, वायु और नौसेना से लॉन्च की जा सकती है, जिससे यह तीनों सेनाओं के लिए एक बहुमुखी हथियार बन जाती है।DRDO ने इस मिसाइल के लिए विशेष रूप से 2,000 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सहने वाले हीट- और ऑक्सीकरण-प्रतिरोधी सामग्रियों का उपयोग किया है।

यह मिसाइल उड़ान के दौरान मध्य-मार्ग सुधार (mid-course corrections) करने में सक्षम है, जो इसे और भी घातक बनाता है।रणनीतिक महत्वET-LDHCM का सफल परीक्षण भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। यह मिसाइल न केवल भारत की रक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को भी प्रभावित कर सकती है, खासकर पाकिस्तान और चीन के संदर्भ में। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस मिसाइल की तैनाती भारत की निवारक शक्ति (deterrence) को और मजबूत करेगी।यह उपलब्धि भारत के पिछले हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण (नवंबर 2024) के बाद दूसरा बड़ा कदम है। इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जो हाइपरसोनिक तकनीक में महारत हासिल कर चुके हैं।परीक्षण की तैयारीDRDO जल्द ही इस मिसाइल का पूर्ण पैमाने पर उड़ान परीक्षण करने की योजना बना रहा है। यह परीक्षण न केवल मिसाइल की तकनीकी क्षमताओं को सत्यापित करेगा, बल्कि भारत की हाइपरसोनिक हथियार प्रणाली की विश्वसनीयता को भी प्रदर्शित करेगा। सफल परीक्षण के बाद, ET-LDHCM को भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में शामिल किया जाएगा, जिससे भारत की त्रि-सेवा रक्षा क्षमता में वृद्धि होगी।

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