PM मोदी ने ‘मन की बात’ के 123वें एपिसोड में योग, आपातकाल, स्वदेशी अभियान और सामाजिक सुरक्षा पर रखे विचार

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ का 123वां संस्करण रविवार को प्रसारित हुआ। 22 भाषाओं और 29 बोलियों में प्रस्तुत इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री ने हाल ही में संपन्न अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की चर्चा से की। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित कार्यक्रमों और विशेष रूप से दिव्यांगजनों तथा सुरक्षाबलों द्वारा योग में भागीदारी की सराहना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने अमरनाथ यात्रा के आगामी शुभारंभ (3 जुलाई) की जानकारी दी और तीर्थ यात्रियों तथा सेवा कार्यों में लगे लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कैलाश पर्वत का भी उल्लेख करते हुए तीर्थ परंपरा की गरिमा को रेखांकित किया।
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने वर्ष 1975 में लगाए गए आपातकाल का भी जिक्र किया और उसे लोकतंत्र के लिए एक काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि उस समय अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचल दिया गया था, लेकिन भारत की जनता ने इसे नकारा और लोकतंत्र की बहाली की। उन्होंने आपातकाल के खिलाफ संघर्ष करने वालों को याद करते हुए देशवासियों से संविधान की रक्षा के लिए सदैव सजग रहने की अपील की।
सेहत पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने फिर दोहराया कि हमें अपने खाने में 10% तक तेल की मात्रा कम करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने स्थानीय उत्पादों और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने की अपील करते हुए कहा कि ग्राहक स्थानीय सामान खरीदें और दुकानदार स्थानीय सामान बेचें।
प्रधानमंत्री ने मेघालय के प्रसिद्ध ऐरी सिल्क की भी चर्चा की, जिसे हाल ही में जीआई टैग मिला है। इसकी विशेषता यह है कि इसे बनाने में रेशम कीट को मारा नहीं जाता, और यह सर्दियों में गर्म तथा गर्मियों में ठंडा अहसास देता है।
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) की एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि अब भारत की 64% आबादी को किसी न किसी सामाजिक योजना का लाभ मिल रहा है। उन्होंने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भारत को “ट्रैकोमा फ्री” घोषित किए जाने पर पीएम मोदी ने चिकित्सा और स्वच्छता के क्षेत्र में भारत की प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा कि न केवल बीमारी का इलाज किया गया, बल्कि उसके कारणों को भी खत्म किया गया।
प्रधानमंत्री ने असम के बोरोलैंड क्षेत्र में आयोजित फुटबॉल टूर्नामेंट की चर्चा करते हुए बताया कि कैसे कभी संघर्ष से जूझ रहे इलाके अब खेल और विकास के जरिए नई पहचान बना रहे हैं।
कार्यक्रम के अंत में पीएम मोदी ने अहमदाबाद नगर निगम द्वारा विकसित किए गए “सिंदूर वन” की जानकारी दी, जो ऑपरेशन सिंदूर के वीरों को समर्पित है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में आम नागरिकों की भागीदारी को प्रेरणादायक बताया और पुणे के एक परिवार का उदाहरण दिया, जो प्रत्येक अवकाश में जंगल जाकर पौधारोपण करते हैं और जल संरक्षण का कार्य करते हैं।
प्रधानमंत्री ने युवाओं, महिलाओं और नागरिकों से देश के हर क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील करते हुए कहा कि देश के छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े परिवर्तन की नींव बन सकते हैं।