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महासमुंद जिले में भूपेश सरकार प्रदूषित कारखानाओं को दे रहे हैं बढ़ावा,किसान मोर्चा ने लगाया प्रतिबंध – जागेश्वर

 

रायपुर । राज्य आंदोलनकारी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल दुबे,दाऊ जी.पी.चंद्रकार,दीनदयाल वर्मा, जागेश्वर प्रसाद,ठा. रामगुलाम सिंह,लालाराम वर्मा,चेतन देवांगन,महेंद्र कौशिक,वेगेंद्र सोनवेर ने मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ के किसान विरोधी एवं गांव उजाड़ने वाले कांग्रेस के कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगते हुए पत्र लिखा है।जिसमें बेरला बेमेतरा जिले में लगभग 60 कारखाने एवं महासमुंद जिले में लगभग 01दर्जन स्टील फैक्ट्रीयां कृषि भूमि पर लगाने के लिए सैकड़ों गांवों को उजाड़ने की प्रक्रिया के उद्देश्य से राज्य सरकार ने एमओयू किया है।जबकि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को उन गांव में स्वयं चौपाल लगाकर छत्तीसगढ़िया किसानों से एनओसी लेने के बाद ही एमओयू करना चाहिए। प्रत्येक कारखाने के एमओयू में कांग्रेस मुख्यमंत्री को अरबों रुपये का चंदा इकट्ठा हुआ है। इससे यह साबित होता है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ठीक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जैसे ही चरित्र बना लिए हैं।जैसे प्रधानमंत्री अंबानी, अडानी के गोद में बैठे हैं उसी प्रकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल धन्ना सेठों के गोद में बैठ गए हैं।गांव उजाड़ने के पीछे  भूपेश बघेल की मजबूरी उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्य के चुनाव के लिए चंदा इकट्ठा करना है। छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा ने बेमेतरा जिलाधीश एवं महासमुंद जिलाधीश के समक्ष हजारों किसानों की उपस्थिति में कारखानों पर प्रतिबंध घोषित करते हुए छत्तीसगढ़ के 01 इंच कृषि भूमि को बर्बाद नहीं होने देने का अपना संकल्प दोहराया है।ज्ञापन को जिलाधीश ने तत्काल मुख्यमंत्री को अग्रेषित कर दिया।गांव-गांव पदयात्रा, जन जागरण, जन सुनवाई में विरोध दर्ज कराना किसान मोर्चा का प्रथम आंदोलन है,जो सत्याग्रह गांधीवादी रास्ते पर चलता रहेगा

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