Imran Khan Pakistan: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी इमरान खान की किस्मत, आज भी राष्ट्र को करेंगे संबोधित

पाकिस्तान: संवैधानिक संकट बना हुआ है। इमरान खान ने असंवैधानिक कदम उठाते हुए अपनी कुर्सी बचा ली और मनमानी करने की कोशिश की, जिसके खिलाफ विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहीं सेना पर भी नजर है और आशंका जताई जा रही है कि संवैधानिक ताकतों में टकराव बना रहा तो सेना कभी भी तख्तापलट कर सकती है।
बहुमत खो चुके थे इमरान
342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए 172 सदस्यों की जरूरत है। इमरान खान ने 179 सदस्यों के समर्थन से सरकार बनाई थी। इसमें उनकी पार्टी के 155 सदस्य और शेष सहयोगी दलों के सदस्य थे, जिसमें मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के सात और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू (पीएमएल-क्यू) के पांच सदस्य शामिल थे। लेकिन एमक्यूएम विपक्ष के साथ चला गया और इमरान की पार्टी के भी कम से कम दो दर्जन सदस्य उनके खिलाफ हो गए थे। इस तरह इमरान के पक्ष में 142 सदस्यों के ही रहने का अनुमान था। वहीं, विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की नेता मरियम ने 174 सदस्यों के समर्थन का दावा किया था।
इमरान ने अमेरिका राजनयिक का लिया नाम
अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) की बैठक को संबोधित करते हुए इमरान खान ने फिर कहा कि उनकी सरकार को गिराने की साजिश में अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू शामिल थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के दौरान यह सामने आया था कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिये घरेलू राजनीतिक में विदेशी ताकत द्वारा हस्तक्षेप किया जा रहा था। लू अमेरिकी विदेश मंत्रालय में दक्षिण एशिया के मामलों को देखते हैं। इमरान ने पहले भी यह आरोप लगाया था, जिसे विपक्षी दलों के साथ ही अमेरिका ने भी गलत बताया था।