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बस स्टैंड में खुलेआम चल रहा सट्‌टे का अवैध कारोबार…सब कुछ जानकर भी पुलिस बनी अनजान

संवाददाता| संजय महिलांग

नवागढ़। गार्डनगर पंचायत में खुलेआम सट्‌टा का अवैध कारोबार कानून की ढीली पकड़ की वजह से खाईवाल के संरक्षण में खुलेआम संचालित हो रहा है। ओपन, क्लोज और रनिंग के नाम से चर्चित इस खेल में जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है उससे यही प्रतीत होता है कि प्रमुख खाईवाल को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है।

नवागढ़ थाना क्षेत्र में इस खेल के बढ़ते कारोबार का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि महिलाएं एवं बच्चे भी दिन-रात अंकों के जाल में उलझे रहते हैं। प्रमुख खाईवाल के एजेंट जो पट्‌टी काटते हैं प्राय: हर गली-मोहल्ले में आसानी से पट्टïी काटते नजर आते हैं। इनमें से कुछ आदतन किस्म के लोग नवागढ़ में सब्जी बाजार,बस स्टैंड, बीच पारा,सिविल लाईन,राजीवगांधी चौक के पास तथा, पोस्ट ऑफिस के पास सहित अन्य क्षेत्रों में खुलेआम पट्टïी काटकर एवं मोबाइल के माध्यम से भी इस अवैध कारोबार को संचालित कर लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं जिसकी जानकारी शायद पुलिस को छोड़कर सभी को है। सट्टा के हिसाब-किताब की जगह बार-बार बदल कर प्रमुख खाईवाल अपनी होशियारी का भी परिचय देने की कोशिश करते हैं।

सूत्रों की मानें तो वर्तमान समय में बीच पारा में एक आवास में इस अवैध कारोबार का हिसाब-किताब प्रत्येक शनिवार को किया जा रहा है। कुछ लोग ‘अचूक, और अन्य नामों से साप्ताहिक व मासिक सट्टïा चार्ट की भी बिक्री कर रहेे हैं जिसकी मांग सट्टïा प्रेमियों में ज्यादा है।गरीब बेरोजगार युवाओं को मोटे कमीशन का लालच देकर इस अवैध कारोबार में उतारा जा रहा है। आगे चलकर यही युवा अपराध की ओर अग्रसर हो जाते हैं। शिकायत होने पर जब पुलिस अभियान चलाती है तो खाईवाल को बक्श कर अक्सर इन्हीं युवाओं के खिलाफ कार्रवाई कर खानापूर्ति कर लेती है।

कानून का कोई भय नहीं

हाल ही में दैनिक छत्तीसगढ़ वाच ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया तो नवागढ़ थाना क्षेत्र में सक्रिय खाईवाल इस कदर बेचैन हो गया और उसने कानून व्यवस्था को चुनौती दे डाली। उसने संवाददाता से यहां तक कहा कि उसे इन खबरों से कोई फर्क नहीं पड़ता और अपनी तस्वीर तक प्रकाशित करने के लिए कह डाला। खाईवाल की दिलेरी यह दर्शाती है कि उसे कानून का कोई डर भय नहीं रह गया है।

जनप्रतिनिधियों ने कानून पर कसा तंज

पुलिस सिर्फ दिखावे के लिए छोटे छोटे खेलने वाले को ही पकड़ती हैं खाईवाल को छोड़ देती हैं जो पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े करती हैं ।

सट्टा के अवैध कारोबार ने कई घरों को तबाह कर दिया है। सब कुछ जानते हुए भी पुलिस जिस प्रकार आंख बंद किए बैठी है उससे पुलिस की भूमिका को समझा जा सकता सकता है

जिस प्रकार सट्टा का अवैध कारोबार खुलेआम संचालित हो रहा है उससे यह साफ दिखता है कि उन्हें किनका संरक्षण प्राप्त है। इसके समूल नाश के लिए शीघ्र अभियान नहीं चलाया गया तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।

आखिर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई

नवागढ़ नगर पंचायत क्षेत्र में सट्टा के अवैध कारोबार से पुलिस की छवि धूमिल हो रही है। सट्टा पट्टी काटने वाले तक कानून के हाथ पहुंचते हैं, लेकिन खाईवाल के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती?

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