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CG BREAKING : 660 करोड़ के मेडिकल सप्लाई घोटाले में IAS से EOW की पूछताछ

CG BREAKING: EOW questions IAS in Rs 660 crore medical supply scam

रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (CGMSC) में रीएजेंट और उपकरणों की सप्लाई के नाम पर हुए 660 करोड़ रुपये के घोटाले में पहली बार CGMSC के पूर्व एमडी और IAS अधिकारी चंद्रकांत वर्मा से आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने पूछताछ की। गिरफ्तार मोक्षित कॉर्पोरेशन के एमडी शशांक चोपड़ा से मिली जानकारी के आधार पर वर्मा से लगभग छह घंटे तक सवाल-जवाब किए गए। सूत्रों के अनुसार, जल्द ही EOW द्वारा दूसरी बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

अधिकारियों पर शिकंजा कसता हुआ

EOW की टीम पहले ही CGMSC कार्यालय में दस्तावेजों की गहन जांच कर चुकी है। घोटाले में कई वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता सामने आई है। एक महिला अधिकारी, जो कुछ महीने पहले दवा निगम से हटाई गई थी, पहले ही कई बार EOW के सामने पेश हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के इस बड़े घोटाले में दवा कॉर्पोरेशन, खाद्य एवं औषधि प्रशासन और स्वास्थ्य संचालनालय के अधिकारी जांच के घेरे में हैं।

खराब दवाएं और उपकरण बेकार पड़े

स्वास्थ्य केंद्रों में करोड़ों रुपये के केमिकल और उपकरण बेकार पड़े हैं। कई जगहों पर ये एक्सपायर हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। सप्लाई की गई CBC सहित अन्य मशीनों का भी सही उपयोग नहीं हो पाया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ रहा है।

शशांक चोपड़ा की अगली पेशी 9 मार्च को

गिरफ्तार मोक्षित कॉर्पोरेशन के एमडी शशांक चोपड़ा फिलहाल न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं। उनकी अगली पेशी 9 मार्च को होनी है।

जांच के बावजूद अफसर बरकरार

EOW की सिफारिशों के बावजूद CGMSC के कुछ अधिकारी अब भी अपने पद पर बने हुए हैं। ऊपरी दबाव के चलते उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सीजीएमएससी कार्यालय को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है, जहां बिना अनुमति किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।

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