
HISTORY: Unique devotees of Shri Ram in this place of Chhattisgarh..
अयोध्या में श्रीराम के नवीन मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में तीन दिन का समय बाकी है। इस उपलक्ष्य में देशभर में ही नहीं बल्कि अनेक देशों में विभिन्न कार्यक्रम हो रहे हैं। श्रीराम से जुड़े प्रसंग पर पुरानी स्मृति ताजी हो रही है। औद्योगिक नगर कोरबा में रामरमिहा मेला का स्मरण ऐसे में ना हो, भला यह कैसे हो सकता है। 55 वर्ष पहले यह आयोजन कोरबा में हुआ था जिसमें लोगों को राम के अनोखे भक्तों को देखने का मौका मिला।
पिछले सप्ताह ही कोरबा नगर के गीतांजलि भवन में एक समारोह आयोजित कर रामनामी समाज से जुड़े लोगों का सम्मान स्थानीय सामाजिक संगठनों के द्वारा किया गया था। कोरबा के इतिहास में इस तरह का यह पहला आयोजन रहा जिसमें बड़ी संख्या में रामनामी समाज की भागीदारी रही। अब जब श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है तब उनके खास भक्तों का स्मरण होना अत्यंत स्वाभाविक है। औद्योगिक नगर कोरबा में रामनामी समाज की स्थायी धरोहर भी नगर पालिका निगम के वार्ड क्रमांक 15 ब्लॉक कॉलोनी एसईसीएल क्षेत्र में स्थित है। लोग इस रामनामी समाज के स्तंभ के रूप में जानते हैं।
सामान्य तौर पर जैसे स्तंभ होते हैं वही स्वरूप इसे भी दिया गया है और इसमें हिंदी और अंग्रेजी में राम नाम अंकित किया गया है। कोरबा में छह दशक से ज्यादा समय से रह रहे सत्यनारायण अग्रवाल बताते हैं कि मौजूदा स्तंभ रामरमिहा समाज का है, जिनकी बड़ी उपस्थिति यहां पर आयोजित किए गए मेला मैं दर्ज हुई थी। इस समय 1000 से ज्यादा लोग इस मेला में शामिल हुए थे। उनके पूरे शरीर मे राम के नाम का गोदना लिखा हुआ था।
यह बात 1969 की थी जिसे अब 55 वर्ष का समय हो रहा है। उस समय चिमनी भट्टा में रह रहे और वर्तमान में तुलसी नगर के निवासी गणेश दास महंत बताते हैं कि तब 15 ब्लॉक मैदान में रामरमिहा मेला का आयोजन हुआ था। तब से यहां पर राम नाम अंकित धरोहर की उपस्थिति है। काफी संख्या में रामनवमी लोग इसमें शामिल हुए थे। उनके शरीर के हर हिस्से पर गोदना से राम का नाम लिखा होता है। वे राम के अनन्य भक्त माने जाते है।
रामनवमी समाज की परंपरा को जानने वाले महंत बताते हैं कि इस वर्ग में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसे जलाने के बजाय जमीन में दफनाया जाता है। वे नहीं चाहते कि मृत्यु के साथ राम का नाम अग्नि में जलकर समाप्त हो। वर्तमान में जब राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश-विदेश में पूरा उत्साह भरा हुआ है और ऐसे में राम से संबंधित सभी यादों को बेहतर करने की कोशिश की जा रही है ऐसे में रामनामी समाज की कोरबा स्थित धरोहर गुमनामी के अंधेरे में होने के साथ-साथ इतिहास के खंडहर जैसी बनी