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GYANVAPI SURVEY : अजय मिश्रा ने कोर्ट को सौंपी सर्वे रिपोर्ट, शेषनाग की कलाकृति व नागफनी जैसी आकृतियां भी दिखी

Ajay Mishra submitted the survey report to the court, the artwork of Sheshnag and figures like Hawthorn were also seen

डेस्क। पूर्व एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा ने वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट पेश कर दी है. बताया जा रहा है कि सर्वे रिपोर्ट में अजय मिश्रा ने दावा किया है कि ज्ञानवापी परिसर में उत्तर से पश्चिम दीवार के कोने पर पुराने मंदिरों का मलबा मिला जिस पर देवी-देवताओं की कलाकृति बनी हुई थीं. इसके अलावा उत्तर से पश्चिम की तरफ चलते हुए बीच के सिलावट पर शेषनाग की कलाकृति और नागफनी जैसी आकृतियां भी देखी गई हैं.

दरअसल, एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा ने वाराणसी कोर्ट के आदेश पर 6 मई और 7 मई को ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे किया था. हालांकि, बाद में विरोध के चलते उन्हें ये सर्वे रोकना पड़ा था. इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाने की मांग की थी. हालांकि, कोर्ट ने अजय मिश्रा को हटाने से इनकार कर दिया था. इसके अलावा विशाल सिंह और अजय सिंह को भी कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था. कोर्ट ने 17 मई तक ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे करके रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था.

अजय मिश्रा ने रिपोर्ट में किए ये दावे –

अब अजय मिश्रा ने 6 मई और 7 मई को किए गए सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की है. उस वक्त वे अकेले कोर्ट कमिश्नर थे. इस दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई थी. यह डेटा भी कोर्ट में पेश कर दिया गया. रिपोर्ट में उन्होंने इन इन बातों का जिक्र किया है…

– रिपोर्ट के मुताबिक, 6 मई को किए गए सर्वे के दौरान बैरिकेडिंग के बाहर उत्तर से पश्चिम दीवार के कोने पर पुराने मंदिरों का मलबा मिला, जिस पर देवी-देवताओं की कलाकृति बनी हुई थी और अन्य शिलापट पट्ट थे, जिन पर कमल की कलाकृति देखी गईं.

– पत्थरों के भीतर की तरफ कुछ कलाकृतियां आकार में स्पष्ट रूप से कमल और अन्य आकृतियां थीं.
–  उत्तर पश्चिम के कोने पर गिट्टी सीमेन्ट से चबूतरे पर नए निर्माण को देखा जा सकता है. उक्त सभी शिक्षा पट्ट और आकृतियों की वीडियोग्राफी कराई गई.

– उत्तर से पश्चिम की तरफ चलते हुए मध्य शिला पट्ट पर शेषनाग की कलाकृति, नागफन जैसी आकृति देखी गईं. शिलापट्ट पर सिन्दूरी रंग की उभरी हुई कलाकृति भी थीं.

– शिलापट्ट पर देव विग्रह, जिसमें चार मूर्तियों की आकृति बनी है, जिस पर सिन्दूरी रंग लगा हुआ है, चौथी आकृति जो मूर्ति की तरह प्रतीत हो रही है, उस पर सिन्दूर का मोटा लेप लगा हुआ है.

– सभी शिलापट्ट भूमि पर काफी लंबे समय से पड़े प्रतीत हो रहे हैं. ये प्रथम दृष्टया किसी बड़े भवन के खंडित अंश नजर आते हैं.

– बैरिकेडिंग के अंदर मस्जिद की पश्चिम दीवार के बीच मलबे का ढेर पड़ा है. ये शिलापट्ट पत्थर भी उन्हीं का हिस्सा नजर आ रहे हैं. इन पर उभरी कुछ कलाकृतियां मस्जिद की पीछे की पश्चिम दीवार पर उभरी कलाकृतियों जैसी दिख रही है.

अजय मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि सर्वे के दौरान उन्होंने वादियों और उनके वकीलों से पूछा कि क्या विवादित स्थल के पश्चिमी दीवार की बैरिकेडिंग के बाहर सिन्दूर लगी 3-4 कलाकृति और चौखट प्रकार का शिलापट्ट श्रृंगार गौरी है या नहीं. इसके जवाब में बताया गया कि ये श्रृंगार गौरी मंदिर की चौखट का अवशेष है. उनकी कलाकृतियों के प्रतीक को ही फिलहाल श्रृंगार गौरी मान कर पूजते हैं. क्योंकि बैरिकेडिंग के अंदर जाना प्रतिबंधित है.

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