GYANVAPI CASE BREAKING : ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वेक्षण की याचिका खारिज

GYANVAPI CASE BREAKING: Petition for ASI survey of Gyanvapi complex rejected
ज्ञानवापी मामले में वाराणसी की अदालत ने शुक्रवार को हिंद पक्ष की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें पूरे परिसर के एएसआई सर्वेक्षण की मांग की गई थी. हिंदू पक्षकार विजय शंकर रस्तोगी ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे भगवान आदि विशेश्वर का 100 फीट का विशाल शिवलिंग और अरघा स्थित है जिसका पेनिट्रेटिंग रडार की मदद से पुरातात्विक सर्वेक्षण होना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी मांग की थी कि वजूखाने का भी सर्वेक्षण होना चाहिए जो पूर्व के एएसआई सर्वे में नहीं हुआ है. इसके अलावा बचे हुए तहखानों का भी सर्वेक्षण किया जाना चाहिए.
हिंदू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि हम निचली अदालत के आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती देंगे. उन्होंने कहा कि हमें कोर्ट के आदेश की कॉपी का इंजतार है. इसका पूरा अध्ययन करने के बाद हम हाई कोर्ट जाएंगे. इससे पहले विजय शंकर रस्तोगी ने कोर्ट ने अपनी दलील में कहा पिछला एएसआई सर्वे अधूरा था. उन्होंने दावा किया कि जिस क्षेत्र में शिवलिंग होने का दावा हिंदू पक्ष कर रहा है, पिछली बार उस क्षेत्र का सर्वेक्षण नहीं किया गया था और इसलिए पूरे ज्ञानवापी परिसर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archeological Survey of India) से सर्वेक्षण कराए जाने की आवश्यकता है.
हिंदू पक्षकार विजय शंकर रस्तोगी की याचिका का अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने विरोध किया और कहा कि इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय पहले ही हस्तक्षेप कर चुका है. दोनों अदालतों ने साइट की किसी भी खुदाई का आदेश देने से इनकार कर दिया था और एएसआई अधिकारियों को ज्ञानवापी में किसी भी संरचनात्मक क्षति से बचने का निर्देश दिया था. इस मामले में गत 19 अक्टूबर को बहस पूरी होने के बाद वाराणसी कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें 25 अक्टूबर को फैसला सामने आया है. मामले की समीक्षा सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट युगुल शंभू द्वारा की जा रही थी.