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अफगानिस्तान पर आज सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, पीएम मोदी ने कहा- सभी दलों को जानकारी दे विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली: अफगानिस्तान में लगातार बदलते हालात के बीच आज सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. अफगानिस्तान को लेकर सरकार का क्या रुख रहेगा और अब तक अपने लोगों और देश के हितों को सुरक्षित रखने के लिए क्या कुछ किया गया. इस पर विदेश मंत्री जानकारी देंगे. तालिबानी शासन आने से पाकिस्तान और चीन की बांछे खिल गई हैं. लेकिन अब भारत सरकार को ये तय करना है कि उसकी रणनीति क्या होगी. यही रणनीति आज सर्वदलीय बैठक का मुख्य एजेंडा होगी.

कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की क्या मांग है?

कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की तरफ से ये मांग होती रही है कि सरकार तालिबान के साथ हो रहे संपर्क और संवाद को लेकर तथ्य सामने रखे. इसके अलावा अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी और विदेश नीति के विकल्पों पर भी सबको भरोसे में ले. अफगानिस्तान, एशिया में पाकिस्तान और चीन को काउंटर करने के लिए भारत के लिए अहम रणनीतिक साझेदार रहा है. लेकिन अब हालात और हकीकत दोनों बदल गए हैं. इसीलिए सरकार इस मुद्दे पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है.

बैठक में सरकार की ओर से कौन-कौन शामिल होंगे?

इसी कड़ी में आज ये सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें सरकार की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश राज्य मंत्री वी.मुरलीधरन, मीनाक्षी लेखी और राजकुमार रंजन सिंह होंगे. इनके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहेंगे. बैठक की मेजबानी संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी करेंगे. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला भी रहेंगे.

साथ ही कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, टीएमसी से सुदीप बंदोपाध्याय और राज्यसभा में पार्टी नेता सुकेंदु शेखर रॉय, एनसीपी से शरद पवार रहेंगे..संसद में मौजूद सभी छोटे-बड़े दलों को भी न्यौता दिया गया है. बैठक में विदेश मंत्रालय की तरफ से ऑपरेशन देवी शक्ति यानी अफगानिस्तान में भारतीयों और अफगान अल्पसंख्यकों के अलावा जरूरतमंद लोगों को निकालने के लिए चलाई जा रही मुहिम पर आधिकारिक जानकारी दी जाएगी.

पीएम मोदी ने पुतिन और एंजेला मार्केल से बात की

अफगानिस्तान की अस्थिरता का सीधा असर भारत पर पड़ेगा. इसलिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत कूटनीति मोर्चेबंदी में जुटा है. खुद पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल से बात की. वहीं विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर की अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन से दो बार फोन पर बात हुई. इसके साथ ही कतर के विदेश मंत्री से भी विदेश मंत्री जयशंकर मुलाकात कर चुके हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी अपने अमेरिकी समकक्ष जैक सुलिवन से फोन पर बात की है.

अफगानिस्तान पर अब तालिबान की हुकुमत है लेकिन उसकी राजनीतिक सूरत क्या होगी ये अब तक तय नहीं है. इसलिए भारत सरकार भी अपने पत्ते खोलने से पहले, हर मोर्चे पर तैयारी पुख्ता करना चाहती है.

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