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GOOGLE GEMINI NANO BANANA : AI फोटो में दिखी लड़की की ऐसी डिटेल, लोग रह गए हैरान …

GOOGLE GEMINI NANO BANANA : Such details of the girl were seen in the AI ​​photo, people were surprised …

नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर Google Gemini Nano Banana Trend तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इस AI फोटो जनरेशन टूल के जरिए अपनी तस्वीरों को अलग-अलग लुक्स और स्टाइल्स में बदलकर इंस्टाग्राम, फेसबुक और एक्स पर शेयर कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने AI प्राइवेसी को लेकर चिंता बढ़ा दी है।

इंस्टाग्राम यूजर का दावा

इंस्टाग्राम की यूजर झलक भवनानी ने एक वीडियो शेयर कर बताया कि Gemini ने उनकी एडिटेड फोटो में वह तिल भी दिखा दिया, जो असली तस्वीर में दिखाई ही नहीं दे रहा था। उन्होंने फूल स्लीव्स वाली कुर्ती पहनी हुई फोटो अपलोड की थी, जिसमें कंधे का तिल छिपा हुआ था। लेकिन जब Gemini ने उनकी तस्वीर को 90s Retro Saree Look में बदला तो एडिटेड फोटो में वही तिल नजर आया।

हालांकि, हैरानी की बात यह थी कि असली तिल दाएं बाजू पर है, जबकि AI ने इसे बाएं बाजू पर दिखा दिया।

सोशल मीडिया पर बहस तेज

इस वाकये ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। कई यूजर्स का कहना है कि Google के पास पहले से उनकी तस्वीरें मौजूद हो सकती हैं, जिन्हें AI टूल्स ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल करते हैं। वहीं कुछ का मानना है कि यह सिर्फ एक संयोग (coincidence) भी हो सकता है।

प्राइवेसी पर गंभीर सवाल

Google का दावा है कि Gemini या उसके किसी भी फीचर में यूजर का डेटा बिना अनुमति के ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता। लेकिन झलक भवनानी के अनुभव ने यूजर्स के मन में यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या AI टूल्स वास्तव में उतने सुरक्षित हैं जितना कंपनियां कहती हैं।

Google Gemini किन परमिशन्स का इस्तेमाल करता है?

Gemini ऐप फोटो अपलोड, जेनरेशन और पर्सनलाइज्ड रिस्पॉन्स के लिए कई परमिशन मांगता है, जिनमें शामिल हैं:

कैमरा और स्टोरेज (फोटो कैप्चर व अपलोड के लिए)

लोकेशन (लोकल क्वेरी के लिए)

सिस्टम डेटा (कॉन्टैक्ट्स, स्क्रीन कंटेंट, कॉल/मैसेज लॉग्स)

माइक (Gemini Live फीचर के लिए)

नोटिफिकेशन्स (अपडेट्स के लिए)

क्या सेव होता है आपका डेटा?

Gemini यूजर्स की चैट्स, अपलोड की गई फोटो और प्रॉम्प्ट्स को Gemini Apps Activity सेटिंग ऑन होने पर सेव करता है। अगर यह सेटिंग ऑफ कर दी जाए तो ज्यादातर डेटा लंबे समय तक स्टोर नहीं होता। Google का कहना है कि वह यूजर का डेटा बेचता नहीं है, लेकिन थर्ड पार्टी टूल्स के इस्तेमाल पर जानकारी शेयर हो सकती है।

यूजर्स क्या करें?

विशेषज्ञों के अनुसार, यूजर्स को अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स चेक करनी चाहिए और सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही कैमरा व माइक एक्सेस देना चाहिए। साथ ही, अपलोड की गई फाइल्स को बाद में डिलीट कर देना चाहिए।

 

 

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