रामचंद्र जी का हुआ स्वर्ण श्रृंगार …मंदिर प्रांगण में भजन कीर्तन से धार्मिक उल्लास

रायपुर राजधानी के दूधाधारी मठ में भगवान रामचंद्र जी का जन्मोत्सव के पावन अवसर पर स्वर्ण आभूषणों से स्वर्ण श्रृंगार किया गया है ऐसा अलौकिक दृश्य भगवान का कम अवसरों पर देखने को मिलता है भगवान के दिव्य स्वरूप को देखने के लिए भक्तों की लाइने लग रही है और लगातार मंदिर प्रांगण में भजन कीर्तन धार्मिक पाठ से उल्लास में वातावरण बना हुआ है।इस बारे में जानकारी देते हुए दूधाधारी मठ के निर्मल दास ने बताया कि दुर्गा अष्टमी के दिन से भगवान रामचंद्र जी का जन्म उत्सव पर स्वर्ण श्रृंगार किया जाता है जो एकादशी के दिन समाप्त होता है और उसी दिन स्वर्ण के आभूषणों को भगवान के श्री चरणों से हटा कर वापिस सुरक्षित रख दिया जाता है ऐसा प्रतिवर्ष परंपरा अनुसार किए जाने की विधि विधान है वह कहते हैं इस श्रृंगार को देखने के लिए हर रोज सैकड़ों की संख्या में भगवान के आराधक और भक्तजन के पहुंचने का सिलसिला बना हुआ है जो न केवल छत्तीसगढ़ से बल्कि राजधानी के कई इलाके से भी लगातार आ रहे हैं इससे मंदिर प्रांगण में काफी उल्लास में वातावरण बना हुआ है वे मानते हैं कि भगवान का दिव्य चरित्र और दिव्य स्वरूप देखने मात्र से ही भक्तों के कई कब्ज दूर हो जाते हैं