जमीन के बदले नौकरी का ‘खेल’, राउज एवेन्यू कोर्ट से लालू, राबड़ी और मीसा भारती को मिली जमानत
नई दिल्ली। जमीन के बदले नौकरी घोटाले में आज राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती को राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दे दी है। तीनों को 50 हजार रुपये के निजी मुचकले पर जमानत दी गई है। इस मामले की अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी। बता दें कि आज लालू का कुनबा दिल्ली में कोर्ट के सामने पेश हुआ था।
लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव समेत घोटाले के 16 आरोपियों को कोर्ट ने हाजिर होने के लिए समन भेजा था। इस मामले में जहां सीबीआई ने एक हफ्ता पहले ही राबड़ी देवी, लालू यादव और मीसा भारती समेत दूसरे आरोपियों से पूछताछ की है। वहीं, ED ने लालू परिवार के सदस्यों के ठिकाने पर छापेमारी भी की है।
लालू यादव, राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती समेत कुल 16 लोगों को आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी थी। लालू यादव पर भारतीय रेलवे में भर्ती के दौरान धांधली और जमीन के बदले नौकरी देने का आरोप लगाया गया है। सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। राबड़ी देवी मंगलवार को ही दिल्ली पहुंच चुकी थी जबकि लालू प्रसाद यादव पहले से ही दिल्ली में हैं।
इससे पहले सीबीआई 6 मार्च को पटना में राबड़ी देवी और दिल्ली में लालू और मीसा भारती से पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि-
मामला नंबर-1
पटना के संजय राय ने 3,375 वर्ग फीट का प्लॉट राबड़ी देवी को महज 3.75 लाख रुपये में बेचा। बदले में संजय रॉय और उनके परिवार के 2 लोगों को नौकरी मिली।
मामला नंबर-2
पटना के हजारी राय ने 9,527 वर्गफीट जमीन एके इन्फोसिस प्राइवेट लिमिटेड को बेची। 2014 में राबड़ी देवी एके इन्फोसिस प्राइवेट लिमिटेड की डायरेक्टर बन गईं। हजारी राय के दो भतीजों दिलचंद कुमार और प्रेमचंद कुमार को रेलवे में नौकरी मिली।
मामला नंबर-3
पटना के लालबाबू राय ने 13 लाख रुपये में 1,360 वर्गफीट ज़मीन राबड़ी देवी को बेच दी। लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद राय को रेलवे में नौकरी दे दी गई।
इसी तरह के 7 मामलों में मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर भी जमीन खरीदी गई। ये सारे मामले 2004 से 2009 के बीच के हैं जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में लिखा है कि लालू के सरकारी आवास में भोला यादव भर्ती के बदले जमीन का सौदा करते थे। इस मामले में ईडी ने तेजस्वी यादव समेत लालू प्रसाद यादव के करीबियों के घर छापा मारा था। इस छापेमारी को तेजस्वी ने बदले की राजनीति बताया था।