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छत्तीसगढ़ में खेती फायदे का धंधा : 100 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी कांग्रेस के कमिटमेंट का परिणाम

राजीव भवन में पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री रविन्द्र चौबे, मो. अकबर, डॉ. शिवकुमार डहरिया, कवासी लखमा, अमरजीत भगत की पत्रकार वार्ता : कांग्रेस सरकार ने जो कहा था वह कर दिखाया

रायपुर  छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है पहले खेती किसानी घाटे का काम होता था अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल लाभ का काम होता है। पहले भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में 2017-2018 में लगभग 12 लाख 6 हजार किसानों से कुल 56 लाख 88 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी हुयी है। हमारे शासनकाल आने के बाद 2018-2019 में 82 लाख मीट्रिक टन, 2019-2020 में 84 लाख मीट्रिक टन, 2020-2021 में 92 लाख मीट्रिक टन, 2021-2022 में 98 लाख मीट्रिक टन और अब हम सैकड़ा पार कर गये। हमारी सरकार में 100 लाख मीट्रिक टन खरीदी हुअी अभी लक्ष्य 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का है।  ऐतिहासिक रिकार्ड बनने जा रहा है। कही ना कही छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। छत्तीसगढ़ के किसानों को हितों की रक्षा करने वाली सरकार है तो भूपेश बघेल की सरकार है। आज हमे लगता है जो जनता के अपेक्षा, उम्मीदों पर हमारी सरकार जो प्रयास किये है छत्तीसगढ़ के किसान अपने आप को गर्व महसूस कर रहा है। राजीव भवन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री रविन्द्र चौबे, मो. अकबर, डॉ. शिवकुमार डहरिया, कवासी लखमा, अमरजीत भगत ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि प्रदेश में धान खरीदी का नया कीर्तिमान रिकार्ड बना। छत्तीसगढ़ में 100 लाख मीट्रिक टन का आंकड़ा के पार हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत एवं सभी मंत्री बधाई के पात्र है।

मंत्री रविन्द्र चौबे की पत्रकारों से चर्चा- 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने 4 साल पूरे कर लिये। ठीक एक महीने बाद 17 जनवरी को मुख्यमंत्री भूपेश की सरकार और हमारी सबसे बड़ी उपल्बधि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी सुचारू रूप से योजना के तहत 101 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी पूरा करने जा रही है। लक्ष्य 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का है। समय सीमा तय है। हम अपने लक्ष्यों को पूरा कर ही लेंगे। लगभग 30 हजार करोड़ की राशि किसानों के खाते में जमा किया जा चुका है। लगातार धान की खरीदी हो रही है। कोरोना काल में धान खरीदी में कई दिक्कत आये थे। जब पहले बार 2500 रुपये क्विंटल धान खरीदना शुरू किया केन्द्र सरकार द्वारा यह आपत्ति आयी कि मिनिमम सपोर्ट प्राइज से एक भी ज्यादा पैसा राज्य देगा तो चावल नही खरीदा जायेगा। तब केन्द्र सरकार ने मीनिमम सपोर्ट प्राइस से एक रूपया भी ज्यादा नही दिया। तब हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि किसानों को 2500 रूपये जरूर देंगे। राजीव गांधी किसान योजना के तहत हम किसानों को लगातार पैसा देते रहते है। कोरोना काल में सब काम ठप पड़े हुये थे उद्योग भी ठप पड़ा था उत्पादन भी नही हो रहा था। लेकिन पूरे देश में छत्तीसगढ में धान खरीदी एक दिन भी बंद हुआ हो ना किसानों के खाते में पैसा आना बंद हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को खूब बधाई दूंगा कि पूरे प्रदेश में इतनी ज्यादा धान खरीदी हुयी है। मध्यप्रदेश में गेंहू की खरीदी होती है। छत्तीसगढ़ से 3 गुना बड़ा राज्य है मध्यप्रदेश। 1 करोड़ 33 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीदी होती है। जबकि छत्तीसगढ़ में 1 करोड़ 10 लाख मीट्रिक टन धान लगभग खरीदी यह अपने आप में एक रिकार्ड है। प्रदेश के किसानों को इस सरकार में इतनी सुविधा मिलती है। मैं यह समझता हूॅ कि धान यहां कि इकोनामी का आधार है। इस सरकार किसानों का मदद करना करना तथा खाते में पैसा डालना। छत्तीसगढ़ सरकार की यह सबसे बड़ी उपल्बधि है।मंत्री मो. अकबर ने कहा कि 100 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी में माननीय मुख्यमंत्री एवं मंत्री मंडल के सारे सदस्यों को बधाई देता हूं। भाजपा के अध्यक्ष अरूण साव जी का बयान मैने पढ़ा उन्होंने ये कहा कि धान खरीदी करने पर भारत सरकार पैसा देती है। भारत सरकार के पैसे से धान खरीद रहे है और फोकट में चंदन घिस रहे है। धान खरीदी के सिस्टम को समझने की जरूरत है। भाजपा अध्यक्ष को धान खरीदी प्रक्रिया की कोई जानकारी नहीं है। धान खरीदी का सिस्टम ये है कि राज्य सरकार कर्ज लेकर धान खरीदी करती है इस बार भी 22 हजार करोड़ का कर्ज छत्तीसगढ़ ने लिया है मार्कफेट के जरिये। 14 हजार करोड़ की बैंक गारंटी राज्य सरकार ने दी है। राज्य सरकार की गारंटी में पांइट फाईव परसेन्ट ब्याज कम लगता है और बिना गांरटी वाले में पांइट परसेंन्ट अधिक लगता है। भारत सरकार की तरफ धान खरीदी के लिये 1 रूपया भी नहीं मिलता। भाजपा के अध्यक्ष को बताना चाहता हूं कि वे जानकारी को दुरुस्त कर ले। दूसरी बात धान खरीदी में 2500 रू. प्रति क्विंटल के हिसाब से कांग्रेस का कमिटमेंट था। सरकार बनने के साथ ही हम 2500 रू. के हिसाब से खरीदेंगे और लगातार पहली बार जब 2019 में 2500 रू. के हिसाब से सीधे भुगतान हुआ लेकिन भारत सरकार ने अडंगा लगाया कि यदि समर्थन मूल्य से अधिक खरीदी होगी तो हम आपका चावल खाद्य निगम में जमा नहीं लेंगे अब भारत सरकार का क्या रोल है समझ लिजिये। छत्तीसगढ़ की सरकार हर साल कर्ज लेती से 20 से 25 हजार करोड़ के बीच में जो भी फिगर आ जाये। कर्ज लेने के बाद धान खरीदी होती है, बारदाना की व्यवस्था होती है, परिवहन की व्यवस्था होती है और ये पूरा ले जा के भारतीय खाद्य निगम में जमा होता है। समर्थन मूल्य के हिसाब से खरीदी करते है अंतर की राशि जो 2500 रू. से कम हमको देना है राजीव गांधी किसान न्याय योजना के नाम से सभी किसानों को दिया जाता है। अब प्रति एकड़ 9000 रू. के हिसाब से जब उनको हम देते है तो प्रति क्विंटल पड़ता है 600 पिछले बार किसानो ने धान बेचा उनको मिला 2540 रू. प्रति क्विंटल और इस बार उनको मिलेगा 2640 प्रति क्विंटल। 2500 के हिसाब से कांग्रेस का वायदा था लेकिन वो आगे चल के 2540 अब 2640 हो गया है।मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि धान खरीदी में 100 लाख मीट्रिक टन खरीदने की खुशी है। इस प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में यह मुकाम हासिल किया गया। बधाई देता हूॅ, प्रदेश के किसानों को भी बधाई देता हूूू। प्रदेश में पंजीकृत किसान 24 लाख 97 हजार इसमें 22 लाख 48 हजार किसानों ने अपना धान बेचा। बीते 4 साल में जो उपलब्धि हमने हासिल की है, वे 4 साल बनाम 15 साल की सरकार में अंतर को दिखाता है. छत्तीसगढ़ सरकार का काम बोल रहा है छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदल रही है. और हम सैकड़ा पार करके आगे बढ़ रहे है। किसी भी प्रदेश के लिये कृषि सेक्टर के लिये सबसे बड़ी उपलब्धि है। किसानों के खाते में 21 हजार करोड़ आया है धान खरीदी में हमने शतक पूरा किया. धान खरीदी में रिकॉर्ड का टूटना और नया बनना राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को बताता है. छत्तीसगढ़ की उपलब्धि में एक और कड़ी जुड़ गई है. क्रिकेट में जिस तरह से शतक मारने पर खुशी होती है. वैसे ही आज धान खरीदी में 100 लाख मीट्रिक धान खरीदी पर खुशी हो रही है. मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को और राज्य के किसानों को बधाई देता हूं. 2013-2014 में 79 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुआ था। 2014-2015 में 59 लाख मीट्रिक टन धान, 2015-2016 लाख मीट्रिक टन धान, 2016-2017 में 69 लाख मीट्रिक टन धान अगर देखे तो पिछली सरकार में औसत 60 लाख मीट्रिक टन रहे है। पिछले सरकार में किसानें के पंजीयन 12 से 15 लाख था और हमारी सरकार बनने के बाद 24 लाख से ज्यादा हो गया है। ये डबल हो गया है। ये छत्तीसगढ़ सरकार का काम बोल रहा है। यहां  के किसान लगातार समृद्ध, मजबूत हो रहे है। छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदल रही है। यहां की अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रहा है। पूरे देश कोरोना चल रहा था मंदी था सब बंद था तब भी धान खरीदी हो रही थी। 2019-2020 में 84 लाख मीट्रिक टन, 2020-2021 में 92 लाख मीट्रिक टन, 2021-2022 में 98 लाख मीट्रिक टन और अब हम सैकड़ा पार कर गये। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार में हम तेजी से आगे बढ़ रहे है।म्ांत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया की पत्रकारों से चर्चा भारतीय जनता पार्टी का काम किसानों का शोषण करना रहा है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद शुरूआत में धान खरीदी की शुरूआत हमारे कार्यकाल में हुआ। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में घोषणाये होती है। काम नही होता। भारतीय जनता पार्टी ने कहा था हमारी सरकार बना दीजिये हम 2100 रूपये समर्थन मूल्य देंगे। 300 रूपये बोनस देंगे। झूठ बोलने का अलावा का कोई काम नही किया। भारतीय जनता पार्टी ने कुछ नही किया। किसानों को भाजपा के शासनकाल में जाके हड़ताल करना पड़ता था। किसानों पर लाठिया चलाई जाती थी। ये भाजपा का चरित्र है। 15 हजार से ज्यादा किसानों ने भाजपा के शासनकाल में आत्महत्या किया है। ये भाजपा की उपलब्धि है 15 साल के राज में। भाजपा के लोग कहते है कि मोदी को धन्यवाद देते है। धन्यवाद क्यो देते है क्या मोदी पैसा देते है, या अरुण साव, या रमन सिंह पैसा देते थे। किसानों को गुमराह करने वाले के अलावा कोई काम नही था। केन्द्र कह रहा है कि चावल नही खरीदेंगे। भाजपा के पास किसानो के लिये कोई योजना नही है। भाजपा किसानों के शोषण के अलावा कोई काम नही किया है। केंद्र में मोदी अपने दो मित्रों को लाभ पहुंचाते है। उसी प्रकार भाजपा किसानों का शोषण करने के अलावा कोई काम नही किया है।मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि एक किसान का बेटा एक किसान का घर का आदमी राहुल गांधी, सोनिया गांधी जिसको प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया आज उसी का लाभ है। पूरा सरगुजा से लेकर बस्तर तक किसान संपन्न होने जा रहा है। उसका कोई करने वाला नहीं सिर्फ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल है। धान खरीदी की शुरुआत राज्य में हुई है तो यह कांग्रेस की देन है। धान खरीदी में जो उपलब्धियां है वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हुआ। इस साल तो किसानों 2640 मिल रहा है। आने वाले समय में इससे ज्यादा मिलेगा। यह सरकार की उपलब्धि है। किसानों को खाते में पैसा डाला जा रहा है। 4 साल में हमारी सरकार में एक भी किसान ने आत्महत्या नही की है। ये हमारी उपलब्धि है। भाजपा के शासनकाल में जो छोटे किसान थे वो किसानी करना बंद कर दिये थे। उनके समय में लगभग 12 लाख किसानों से धान खरीदी होती थी। अब लगभग 24 लाख से ज्यादा किसानों से धान खरीदी होती है। 4 साल में हमारे किसान बढ़े है यह हमारी उपलब्धि है। किसानों को पैसा मिल रहा है किसानों के चेहरे मे रौनक है। यह हमारे सरकार की उपलब्धि है। भाजपा के पास कहने के लिये कुछ नही है करने के लिये कुछ नही है। पिछले चुनाव में भाजपा को जनता ने नकार दिया था। भाजपा अपने नेताओं को बदलते है। प्रदेश अध्यक्ष बदलते है, नेता प्रतिपक्ष बदलते है। कोई मुद्दा नही है भाजपा के पास। हमारी सरकार किसानों के लिये लगातार काम कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की यह बड़ी उपल्बिध है। पत्रकार वार्ता में प्रभारी महामंत्री संगठन अमरजीत चावला, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, चंद्रशेखर शुक्ला, प्रवक्ता आर.पी. सिंह, धनंजय सिंह ठाकुर, विकास तिवारी, वंदना राजपूत उपस्थित थे।

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