पीबीएम अस्पताल में प्रसूता का बदला नवजात, लड़का बताकर लड़की थमाई, DNA जांच की मांग

बीकानेर : राजस्थान के बीकानेर संभाग मुख्यालय के सबसे बड़े सरकारी पीबीएम अस्पताल में कथित रूप से बच्चा बदलने की घटना सामने आई है. इसको लेकर अस्पताल में बवाल मचा हुआ है. बच्चा बदले जाने की शिकायत करने वाले परिजनों का कहना है कि पहले उन्हें लड़का होना बताया गया, लेकिन बाद में लड़की थमा दी गई. परिजनों का आरोप है कि उस दिन तीन अन्य महिलाओं के भी प्रसव कराए गए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल के कर्मचारियों ने बच्चा बदल दिया है. परिजनों ने नवजात का डीएनए टेस्ट करवाने की भी मांग की है. अस्पताल प्रशासन ने इस तरह की किसी घटना से इनकार करते हुए मामले की जांच करवाने को कहा है.
जानकारी के अनुसार, छतरगढ़ निवासी राहुल शर्मा की पत्नी पूनम देवी (28) को प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार की रात 11.30 बजे पीबीएम के जनाना अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालत सामान्य नहीं होने पर चिकित्सकों ने प्रसूता के परिजनों से ऑपरेशन से प्रसव कराने की बात कही. परिजनों की सहमति के बाद रात करीब 12.15 बजे ऑपरेशन किया गया. करीब 15 मिनट बाद ऑपरेशन कक्ष से आए कार्मिक ने लड़का होने की बात बताई.
परिजनों ने जताया विरोध, शिकायत दर्ज करवाई
प्रसूता के पति राहुल और अन्य परिजनों ने फोन कर रिश्तेदारों तथा परिचितों के बधाइयां देनी शुरू कर दीं. करीब 20 मिनट बाद परिजनों को जब नवजात सौंपा गया तो वह लड़का नहीं लड़की थी. परिजनों ने इसको लेकर विरोध जताया लेकिन अस्पताल प्रशासन ने एक नहीं सुनी. मामले को लेकर प्रसूता के पति राहुल ने पीबीएम अधीक्षक डॉ. परमेन्द्र सिराही से इस पूरे प्रकरण की लिखित शिकायत की है.
लड़की हुई तो लड़के की गलत सूचना क्यों दी?
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें पहले लड़का होने की सूचना दी और बाद में लड़की सौंपी गई. लड़की हुई तो लड़के की गलत सूचना क्यों दी? परिजनों ने ऐसे कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की. प्रसूता के पति ने बताया कि जिस दिन उनकी पत्नी को प्रसव हुआ उस दिन तीन और प्रसव हुए थे. इसलिए आशंका है कि पीबीएम के कार्मिक से चूक हुई है, जिससे बच्चा बदल गया है. प्रसूता के पति ने डीएनए जांच करवाने की भी मांग की है. शिकायती पत्र में इस बात पर भी नाराजगी जताई गई है कि कार्मिकों ने उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाया है.
अस्पताल प्रशासन करवा रहा जांच
पीबीएम अधीक्षक परमेन्द्र सिरोही का कहना है कि इस तरह की शिकायत आई है. वो पूरे मामले की जांच करवा रहे हैं. वैसे बच्चा बदलने जैसी बड़ी गलती हो नहीं सकती, क्योंकि प्रसव होते ही बच्चे को मां के नंबर का टैग लगा दिया जाता. किसी कार्मिक ने जल्दबाजी में लड़का होने की सूचना दे दी होगी, फिर भी पूरे मामले की जांच करवा ली जाएगी.