माओवादियों की शांति वार्ता की पेशकश पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा का बयान, कहा- ‘पहले पत्र की सत्यता की होगी जांच…

Date:

कवर्धा। माओवादियों की केंद्रीय कमेटी ने अस्थायी रूप से हथियारबंद संघर्ष रोकने और सरकार से शांति वार्ता करने की पेशकश की है. इस पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि जब तक यह साबित नहीं हो जाता कि पत्र वास्तव में माओवादी नेतृत्व की ओर से आया है, तब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाएगा.

 

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि अगर पत्र की सत्यता सिद्ध होती है तो सरकार वार्ता की दिशा में कदम बढ़ाने पर विचार करेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार शांति की समर्थक है, लेकिन किसी भी प्रकार की रणनीति या छल से सावधानी बरतना जरूरी है.

 

दरअसल, माओवादियों ने राज्य सरकार को एक चिट्ठी भेजी है, जिसमें संघर्ष विराम और वार्ता की अपील की गई है. यह फैसला नक्सल आंदोलन के भविष्य को लेकर एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है. इस पत्र को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने इसे जांच के लिए संबंधित एजेंसियों को सौंपा है.

 

पत्र में माओवादियों ने बताया कि मार्च 2025 से उनकी पार्टी सरकार के साथ ‘शांति वार्ता’ के लिए गंभीर एवं ईमानदारी के साथ प्रयास कर रही है. 10 मई को पार्टी के महासचिव ने प्रेस बयान जारी कर पार्टी के हथियार छोड़ने का उल्लेख करते हुए पार्टी के सर्वोच्च नेतृत्वकारी कामरेडों के साथ सलाह-मशविरा करने के लिए एक माह के समय की मांग करते हुए सरकार के सामने सीज फायर का प्रस्ताव रखा था.

 

लेकिन, दुर्भाग्यवश उस पर केंद्र सरकार अपनी सानुकूल रूख को जाहिर नहीं किया था. बल्कि, जनवरी 2024 से जारी अपनी घेराव और उन्मूलन सैनिक हमलों को और तेज किए है. फलस्वरूप माड के गुंडेकोट के पास 21 मई को हुई भीषण हमले में साहसिक रूप से प्रतिरोध करते हुए पार्टी के महासचिव कामरेड बसवाराजू सहित केन्द्रीय कमटी के स्टाफ एवं उनके सुरक्षा गार्ड के 28 साथी शहीद हुए.

 

उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में उनसे पहले किए गए शांति वार्ता की प्रक्रिया को बीच में आधा अधूरा न छोड़कर उनके विचारों के अनुरूप शांति वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए हम यह निर्णय लिया और उस पर इस प्रेस बयान को जारी कर रहे हैं.

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

#Crime Updates

More like this
Related