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नगर की शोभा बढ़ाने वाले अधिकांश तालाबों में लोगों द्वारा डाला जा रहा दूषित पानी

नवागढ़ /संजय महिलांग/  शहर के बाहर सीवर लाइन नहीं होने से तालाबों में गिर रहा नालियों का पानी

शहर में सीवर लाइन नहीं होने से शहर के तालाबों में नालियों का गंदा पानी जा रहा है, जिसके चलते पानी प्रदूषित हो रहा है। वहीं नगर के लोग इसी प्रदूषित पानी में निस्तारी करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। शहर में मुख्य रूप से पांच तालाब हैं, जहां कई नालियों का गंदा पानी जा रहा है। वहीं एक तरफ समाजसेवी तालाब में सौंदर्यीकरण के लिए सफाई करा रहे हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश इन्हीं तालाबों में नाली का गंदा पानी भर रहा है। जिससे शहर की शोभा बढऩे वाले तालाबों की स्थिति मरणासन्न हो गई है।

शहर की शोभा बढ़ाने वाले तालाबों में लोगों द्वारा डाला जा रहा दूषित पानी

शहर में स्थित लक्ष्मण बंध, भगना बंध, माना बंध, सुरकी, सहित अन्य तलैया मौजूद हैं। जहां पर बड़ी मात्रा में गंदगी है। इनमें से कुछ तालाबों का कई वर्ष पूर्व में गहरीकरण कराया गया था, लेकिन वह भी मात्र खाना पूर्ति साबित हुआ था। सही तरीके से गहरीकरण नहीं होने और प्रशासन की अनदेखी के कारण यहां पर नाम मात्र का मिट्टी ही निकला है। साथ सभी तालाबों में बडे पैमाने में फेके जा रहे कूडा कचरा और नालियों का पानी जाने से दिन प्रतिदिन तालाबों का अस्तित्व सिमटता जा रहा है। लक्ष्मी नारायण मंदिर के सामने स्थित तलैया का लक्ष्मण बंध सरोवर कानाम दिया गया। लेकिन यहां पर अभी नालियों का पानी डाला जा रहा है। वहीं आसपास के रहने वाले लोगों और व्यापारियों द्वारा कचरा सरोवर में ही फैका जा रहा है। यही हाल शंकर नगर का है। इसके साथ ही बाजार रोड में स्थित मंदिर के बगल में तलैया कभी शहर की शोभा बढ़ाती थी लेकिन आज यहां पर लोग कुछ देर रुकना भी पंसद नहीं कर रहे। नालियों का पानी यहां पर डालने और कचरा फैकने से पूरी तरह से दूषित हो चुकी है। यहीं हाला शहर के महामाया तालाब का है जहांपर घरों का गंदा पानी मिलने से जलाशय का जल प्रदूषित हो गया है। गंदगी और बदबू के कारण लोगों ने जलाशय के पानी का आम निस्तार बंद कर दिया है। पानी के जहरीला होने से मछलियां और पक्षी मर रहे हैं।
समाज सेवियों ने किए प्रयास
शहर के एतिहासिक तालाबों की दुर्दशा को देख कुछ समाजसेवियों द्वारा तालाबों की साफ-सफाई करने का बीडा उठाया और बडी मात्रा में गंदगी और कचरा निकाला गया। लेकिन इन तानाबों में वर्षों से साफ-सफाई आदि नहीं होने और आस-पास के रहने वाले लोगों द्वारा घरों का कचरा तालाबों में फैकने से फिर से हालात जस के जस होते रहे हैं। वहीं प्रशासन द्वारा कोई प्रयास नहीं किए जाने से बड़े-बड़े तालाबों के हालात रोजाना बिगड़ते जा रहे हैं।

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