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चौहान परिवार ने किया डॉगी का दशगात्र: रीति-रिवाजों से किया अंतिम संस्कार

कोरबा : एक पालतू डॉगी की मौत हो गई। उसकी मौत के 10 दिन बाद परिवार के लोगों ने दशगात्र का आयोजन किया।दरअसल, नगर निगम के ढोढ़ीपारा वार्ड-15 में रहने वाले चौहान परिवार के पालतू डॉगी ‘विनी’ 1 अगस्त को मौत हो गई थी। चौहान परिवार के पास विनी 17 साल से था। जब वह 3 माह का था तो चौहान परिवार उसे लेकर आया था। इसके बाद से ही वह परिवार के सदस्य की तरह हो गया। उसकी मौत पर पूरा परिवार गमजदा है। विनी की मौत पर परिवार ने अंतिम संस्कार की सभी परंपराएं निभाईं। बुधवार देर शाम दशगात्र की रस्म को पूरा किया गया।

मेघा चौहान कहती हैं कि लंबे समय तक विनी को साथ रखने से उससे काफी जुड़ाव हो गया था। सभी त्यौहार में उसकी भागीदारी होती थी। मेघा ने नागरिकों से अपील की है कि अपने आस-पास रहने वाले सभी पशु-पक्षियों का विशेष ध्यान रखें। उन्हें हमारी बेहद जरूरत है। समय-समय पर पालतू पशु-पक्षियों के प्रति मानव के ऐसे व्यवहार के किस्से सामने आते रहते हैं और यह दर्शाते हैं कि मानव की दुनिया काफी बड़ी है। उसके सरोकार भी काफी मायने रखते हैं।

चौहान परिवार की बेटी मेघा ने बताया कि उनका कोई भाई नहीं है। वह उसे अपने छोटे भाई की तरह मानती थी। हर रक्षाबंधन पर अपने कजिन को राखी बांधने के साथ ही वह विनी को भी राखी बांधती। अब विनी की मौत पर परिवार में मातम छा गया है। इसके चलते उन्होंने डॉगी विनी का दशगात्र कार्यक्रम करने का निर्णय लिया। हवन-पूजन हुआ। मेघा के कजिन ने अपना मुंडन कराया। शाम को भोज कार्यक्रम का आयोजन हुआ और पूरी बस्ती को बुलाया गया।

एक कमरे में विनी की फोटो को कुर्सी पर रखा गया। उसे माला पहनाई गई और फूल चढ़ा गए। इस दौरान दशगात्र में पहुंचे लोगों ने भी उसके चित्र पर फूल और रुपए। उसकी मौत का मातम मनाया और आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। मेघा चौहान कहती हैं कि विनी की मौत से सबको बहुत दुख है। सब उसे प्यार से अलग-अलग नाम से बुलाते थे। चौहान परिवार ने इस बार रक्षा बंधन का पर्व नहीं मनाया। मेघा ने किसी भी कजिन को राखी भी नहीं बांधी।

इस दौरान पूरी बस्ती और रिश्तेदारों को भोज कराया गया। परिवार के सदस्य ने अपना मुंडन कराया। मृतक के लिए प्रार्थना की गई और फोटो पर फूल चढ़ाए गए। डॉगी करीब 17 साल से परिवार के पास था। जिस युवती का वह डॉगी था, उसका कहना है कि वह उसे अपने भाई की तरह मानती थी। इसलिए रक्षाबंधन भी नहीं मनाया।

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