CG HIGH COURT : सड़कों पर पंडाल से जनता परेशान, हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और नगर निगम कमिश्नर से मांगा जवाब

CG HIGH COURT : People are troubled by the pandals on the roads, High Court sought answers from the Chief Secretary and Municipal Corporation Commissioner
रायपुर/बिलासपुर, 23 अप्रैल। CG HIGH COURT त्यौहारों के दौरान सड़कों और उनके किनारों पर लगाए जा रहे पंडालों और स्वागत द्वारों से आम लोगों को हो रही परेशानियों पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की युगलपीठ ने राज्य के मुख्य सचिव और रायपुर नगर निगम कमिश्नर से शपथ पत्र तलब किया है। अगली सुनवाई 16 जून को निर्धारित की गई है।
क्या कहा गया याचिका में
CG HIGH COURT रायपुर निवासी याचिकाकर्ता नितिन सिंघवी की ओर से कोर्ट में बताया गया कि वर्ष 2022 से 2024 तक के बीच किसी भी त्यौहार जैसे गणेशोत्सव और दुर्गा पूजा के लिए सड़क या सड़क किनारे पंडाल लगाने की अनुमति शासन या नगर निगम के किसी भी जोन द्वारा नहीं दी गई। इसके बावजूद राजधानी रायपुर समेत अन्य जगहों पर सैकड़ों पंडाल और स्वागत द्वार खड़े किए गए। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में 100 से ज्यादा फोटोग्राफ भी प्रस्तुत किए हैं।
क्या है शासन का आदेश
22 अप्रैल 2022 को गृह (पुलिस) विभाग मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार किसी भी सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक या सार्वजनिक आयोजन के लिए जिला प्रशासन से पूर्व अनुमति अनिवार्य है। आदेश में स्पष्ट किया गया था कि बिना अनुमति ऐसे आयोजन कानून व्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं और आम नागरिकों के दैनिक जीवन में बाधा बन सकते हैं। बावजूद इसके, शासन के आदेशों की खुलेआम अवहेलना हो रही है।
सड़कों पर बढ़ते वाहन, घटती जगह
CG HIGH COURT सिंघवी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि राज्य निर्माण के समय जहां एक लाख से भी कम वाहन थे, वहीं अब इनकी संख्या 80 लाख से अधिक हो चुकी है। पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़क किनारे वाहन खड़े होते हैं, जिससे सड़कें और अधिक संकरी हो जाती हैं। ऐसे में इन पर पंडाल लगाना यातायात और जनजीवन के लिए भारी परेशानी बनता है। उन्होंने सुझाव दिया कि पंडाल और स्वागत द्वार केवल खुले स्थानों या सार्वजनिक मैदानों में ही लगाए जाने की अनुमति दी जाए।