CG POSTER CONTROVERSY : सीएम और पीसीसी चीफ के बीच खुलेआम मनमुटाव, राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले गहराया पोस्टर विवाद
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CG POSTER CONTROVERSY: open estrangement between CM and PCC chief, deepened poster controversy before national convention
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के बीच चल रहे खींचतान और मनमुटाव की खबरें कांग्रेस के अंदरखाने से बाहर आते रही है। कांग्रेस के भीतर सत्ता और संगठन के बीच चल रही यह अंदरुनी लड़ाई अब राजीव भवन से निकलकर सड़क पर आ गई है। नवा रायपुर में होने वाले कांग्रेस के 85 वें राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारी जोरों पर है। सीएम भूपेश बघेल के करीबी महापौर एजाज ढेबर ने एयरपोर्ट के रास्ते से लेकर शहर तक और कार्यक्रम स्थल तक सड़क को पोस्टर और होर्डिंग्स से पटवा दिया है। पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के हवाले से सभी प्रचार सामग्रियों को हटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही चेतावनी भी दी गई है कि अगर पोस्टर होर्डिंग्स नहीं हटाई गई तो संगठन द्वारा हटा दी जाएगी।
मोहन मरकाम पोस्टर से गायब –
ऐजाज ढेबर ने जो होर्डिंग्स, बैनर, पोस्टर लगवाए थे उनमें कई कांग्रेस नेताओं के नाम तक नहीं थे। यहां तक कि सभी पोस्टर से पीसीसी अध्यक्ष का नाम और तस्वीरें नदारद थी। मामला जब तूल पकड़ा और कांग्रेस के अंदरखाने ही इसका जमकर विरोध होना शुरु हुआ तो उसके बाद अलग से मोहन मरकाम की तस्वीरें सभी में चिपकाई गई लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। बीजीपी ने भी कांग्रेस पर आदिवासी अध्यक्ष का अपमान किए जाने का आरोप लगा दिया।
बाद में चिपकाई गई मरकाम की फोटो –
देर शाम पीसीसी के प्रभारी महामंत्री प्रशासन रवि घोष ने आदेश जारी कर दिया। इसमें उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के निर्देश के आधार पर कहा है कि जो प्रचार सामग्री लग गई है उसे हटा लें अन्यथा उसे हटा दिया जाएगा।
सीएम की शिकायत पर मरकाम के करीबी को नोटिस –
सत्ता और संगठन के बीच चल रही लड़ाई उस समय सामने आई जब महाधिवेशन की स्वागत कमेटी में मोहन मरकाम के करीबी और पीसीसी महामंत्री अमरजीत चावला और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम को रखा गया। जिसके बाद विवाद शुरु हुआ और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एआईसीसी अनुशासन कमेटी से दोनों नेताओं की शिकायत की।
जिस पर AICC ने अमरजीत चावला और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम को नोटिस जारी किया। चावला पर आरोप है कि वे कार्यालय में बैठकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणी करते रहते हैं। वे नए आरक्षण बिल को राज्यपाल द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने पर पार्टी लाइन से अलग जाकर राज्यपाल का सर्मथन करते हैं। इसके साथ ही कहा गया है कि चावला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ निंदा अभियान में लगातार शामिल रहते हैं।
AICC द्वारा दूसरी नोटिस पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम को जारी की गई है। जिसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने सर्व आदिवासी समाज नाम का संगठन बनाया है जो खुले रूप से कांग्रेस सरकार विरोधी कार्यक्रमों में शामिल है। भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में सर्व आदिवासी समाज ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया। इसके साथ ही यह भी है आरोप है कि यह संगठन भाजपा से वित्तपोषित है।