CG POLITICS : छत्तीसगढ़ कांग्रेस का मिशन, इन 15 कमजोर सीटों पर दे रही जोर, क्या होगा भाजपा का हाल …
CG POLITICS: Mission of Chhattisgarh Congress, giving emphasis on these 15 weak seats, what will be the condition of BJP…
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को यूं तो लगभग सवा साल का समय बचा हुआ है, लेकिन अभी से राजनीतिक दलों ने एड़ी चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है। आलम यह है कि 90 में से 71 सीटों पर काबिज कांग्रेस इस बार 75 सीटों का ख्वाब देख रही है। यही वजह है कि कांग्रेस ने इस बार विधानसभा चुनाव के लिए अब की बार 75 पार का नारा दिया है।
71 सीटों को बनाए रखना भी कांग्रेस के लिए होगी बड़ी चुनौती –
अबकी बार 75 पार को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव का कहना है कि वर्तमान में कांग्रेस के पास 71 सीटें हैं। कांग्रेस की ओर से अबकी बार 75 पार का नारा दिया गया है, लेकिन चुनाव की परिस्थिति बदलती रहती है। समय के अनुसार मतदाताओं का रुझान देखने को मिलता है। ऐसे में 71 सीटों को बनाए रखना कांग्रेस के सामने एक बड़ी चुनौती है। पिछली बार हम लोगों ने 52 सीटों का आकलन किया था। ज्यादा से ज्यादा 58 सीट तक जीतने की संभावना थी। 68 सीट जीतने की उम्मीद तो पार्टी ने भी नहीं की थी, लेकिन हम आज उपचुनाव के बाद 71 सीटों पर काबिज हैं।
90 सीट भी जीत सकती है कांग्रेस –
अब ऐसी कौन सी 15 सीटें हैं, जिस पर कांग्रेस अपने आप को कमजोर महसूस कर रही है। इस सवाल के जवाब के लिए जब कांग्रेस नेताओं से संपर्क किया गया तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए 90 सीट पर ही जीत का दावा कर दिया। कांग्रेस मीडिया विभाग प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि ”आज हमारी सरकार के काम और योजनाओं ने प्रदेश की जनता में सरकार के प्रति भरोसा पैदा किया है।उसे देखते हुए हम अब की बार 75 पार करने वाले हैं।
सुशील आनंद शुक्ला से जब 15 कमजोर सीटों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम जितने को तो 90 सीटें भी जीत सकते हैं, लेकिन चुनाव में सभी मुकाबला करते हैं। ऐसे में दावा एक टारगेट बनाकर किया जाता है। यही वजह है कि हमने 75 सीटों का टारगेट आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तय किया है।”
15 सीटें भी जीत जाए कांग्रेस तो होगी बड़ी बात –
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कांग्रेस के इन दावों पर चुटकी लेते हुए कहा कि ”हाल ही में पीएल पुनिया ने कहा था कि वे हारे हुए विधानसभा क्षेत्र का दौरा करेंगे। इसकी मुख्य वजह यह थी कि जिन 71-72 जगहों पर यह जीत चुके हैं, वहां जाने की स्थिति में नहीं हैं। वहां की जनता इनके विरोध में खड़ी है। भेंट मुलाकात के दौरान भी मुख्यमंत्री को जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जो कांग्रेस अबकी बार 75 पार की बात कर रही है, यदि वह आगामी विधानसभा चुनाव में 15 सीटें भी जीत जाए तो बहुत बड़ी बात है।
भाजपा के 65 पार के नारे को कांग्रेस ने किया था पूरा –
राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा का कहना है कि ”चुनाव जुमलेबाजी से नहीं जीता जाता है। पिछली बार भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर नारा दिया था, अब की बार 65 पार. लेकिन यह 65 भाजपा पार नहीं कर पाई, उल्टा कांग्रेस ने 65 को पार करते हुए 68 सीटों पर जीत हासिल की। इस बार कांग्रेस ने नारा दिया है अब की बार 75 पार. ऐसा ना हो कि इस बार यह नारा भाजपा पर फिट बैठ जाए।”
पिछली बार भाजपा के हार की थी कई वजह –
शशांक शर्मा ने कहा कि ”पिछली बार भाजपा के हार के कई कारण थे। एंटी इनकमबेंसी सहित कई ऐसी वजह थी, जिस कारण से भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा, ऐसा नहीं है। बहुमत के लिए 90 में से 46 सीटें चाहिए. वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए लग रहा है कि सत्ता पर काबिज होने वाले दल की सीटें इससे दो चार सीटें ही ऊपर नीचे हो सकती है।”
2018 विधानसभा चुनाव के लिए 2 चरणों में मतदान किया गया था, जिसके नतीजे कांग्रेस के पक्ष में गए। कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं 15 साल सत्ता पर काबिज रही भाजपा को महज 15 सीटें मिली। जेसीसीजे के खाते में 5 और बहुजन समाज पार्टी के खाते में 2 सीटें आई थी। छत्तीसगढ़ में वोट शेयर के आधार पर कांग्रेस को 43 फीसदी मत मिले, जबकि बीजेपी के पक्ष में 33 फीसदी वोट आए थे।
वर्तमान में हुए उपचुनाव के बाद छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा में से 71 पर कांग्रेस काबिज है। वहीं 14 सीटें भाजपा की झोली में है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) 3 और बहुजन समाजवादी पार्टी 2 सीटों पर काबिज है। इस तरह कुल 90 सीटों में से सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस के पास है। यही वजह है कि इस बार कांग्रेस ने 71 में 4 और सीटों को जोड़ते हुए अब की बार 75 पार का नारा दिया है।