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CG NEWS : नक्सली वारदात में शहीद हुए 8 जवान पहले थे नक्सली, पुराने साथियों ने इस वजह से ली जान ..

CG NEWS: The 8 jawans who were martyred in the Naxalite incident were Naxalites earlier, old comrades killed because of this..

दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा में 26 अप्रैल बुधवार को हुए नक्सली हमले में पुलिस के 10 जवान बलिदान हो गए थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जो जवान बलिदान हुए हैं उनमें से 8 पहले नक्सली थे। नक्सलवाद छोड़ने के बाद वे सभी पुलिस बल में शामिल हुए थे। प्रधान आरक्षक जोगा सोढ़ी पोलमपल्ली सुकमा, मुन्ना कड़ती तुमनार दंतेवाड़ा, दुलगो मंडावी कटेकल्याण दंतेवाड़ा, जोगा कवासी कटेकल्याण दंतेवाड़ा, हरिराम कटेकल्याण दंतेवाड़ा, जयराम पोडियाम कटेकल्याण दंतेवाड़ा, जगदीश कुमार कोवासी कटेकल्याण दंतेवाड़ा, राजू राम करटम कटेकल्याण दंतेवाड़ा पहले नक्सली के रूप में सक्रिय थे, लेकिन आत्मसमर्पण के बाद वे पुलिस में शामिल हो गए थे। मालूम हो कि हमले में 10 जवानों समेत 11 लोगों की मौत हुई थी। हमला उस समय हुआ था जब जवान सर्चिंग करके वापस लौट रहे थे।

बता देंं नक्सली हमले में बलिदान हुए ज्यादातर जवान आत्म समर्पित नक्सली थे। जिसमे सुरनार गांव का हरिराम उर्फ राजू मिडकोम जो पेदारास एलओएस सदस्य था, जिस पर पांच लाख का इनाम था। इस बलिदानी जवान ने पांच साल पहले आत्म समर्पण कर दिया था। वही राजू करतम भी कुआकोंडा थाना के बड़ेगुडरा के रहने वाले थे। ये भी नक्सलियों से परेशान होकर दो साल पहले मुख्यधारा में लौटे थे। बलिदान होने वाले कटेकल्याण, कुआकोंडा, गीदम ब्लाक के अलावा बीजापुर, सुकमा जिले के जवान भी हमले में बलिदान हुए थे।

बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि सुकमा जिले के अरलमपल्ली गांव के निवासी जोगा सोढ़ी और दंतेवाड़ा के मुड़ेर गांव के निवासी मुन्ना कड़ती 2017 में पुलिस में शामिल हुए थे। इसी तरह दंतेवाड़ा जिले के निवासी दुलगो मंडावी और राजू राम करटम को 2020 और 2022 में पुलिस में शामिल किया गया था। दंतेवाड़ा जिले के बड़ेगादम गांव का रहने वाला एक अन्य जवान जोगा कवासी पिछले महीने ही पुलिस में शामिल हुआ था।

बलिदान जवान

बलिदान जवानों में जोगा सोढ़ी पोलमपल्ली सुकमा, मुन्ना कड़ती तुमनार दंतेवाड़ा, संतोष तामो भांसी दंतेवाड़ा, दुलगो मंडावी कटेकल्याण दंतेवाड़ा, लखमू राम मड़कामी भैरमगढ़ बीजापुर, जोगा कवासी कटेकल्याण दंतेवाड़ा, हरिराम कटेकल्याण दंतेवाड़ा, जयराम पोडियाम कटेकल्याण दंतेवाड़ा, जगदीश कुमार कोवासी कटेकल्याण दंतेवाड़ा, राजू राम करटम कटेकल्याण दंतेवाड़ा और वाहन चालक धनीराम यादव गीदम दंतेवाड़ा है।

समर्पित नक्सलियों से मिल रही कामयाबी

दंतेवाड़ा में समर्पित नक्सलियों के इनपुट से लगातार पुलिस को कामयाबी मिल रही थी, जिससे नक्सली बौखलाए हुए थे। दंतेवाड़ा में नक्सली वारदात को अंजाम देने कई बार कोशिश कर चुके थे पर हर बार नक्सलियों पर जवान भारी पड़ रहे थे। वहीं बुधवार को जवानों को बिना रोड ओपंनिग पार्टी के भेजना महंगा पड़ा। जिससे इतना बड़ा नक्सली हमला हुआ।

2015 में दंतेवाड़ा में हुआ था डीआरजी का गठन

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि डीआरजी का गठन पहली बार 2008 में कांकेर (उत्तर बस्तर) और नारायणपुर (अबूझमाड़ शामिल) जिले में किया गया था। इसके पांच वर्ष बाद 2013 में बीजापुर और बस्तर जिलों में बल का गठन किया गया। इसके बाद इसका विस्तार करते हुए 2014 में सुकमा और कोंडागांव जिलों में डीआरजी का गठन किया गया। जबकि जबकि दंतेवाड़ा में 2015 में डीआरजी का गठन किया गया।

 

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