CG NEWS : नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात का आदेश देने से हाईकोर्ट का इनकार, जानिए वजह ..
CG NEWS: High Court refuses to order abortion to minor rape victim, know the reason..
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में दुष्कर्म की शिकार नाबालिक लड़की गर्भवती होने पर गर्भपात कराने के लिए अदालत पहुंची। मगर छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी अदालत ने गर्भपात का आदेश देने से मना कर दिया है। पीडिता राजनांदगांव जिले की रहने वाली है। इस मामले में हाईकोर्ट के जस्टिस पार्थ प्रतीम ने सुनवाई की। उन्होंने यह फैसला 9 सदस्यों वाली मेडिकल टीम की सलाह के आधार पर लिया है।
राजनांदगांव जिले में रहने वाली दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग के गर्भवती होने पर उसके अभिभावकों ने गर्भपात की अनुमति देने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दर्ज की थी। मगर हाईकोर्ट ने उसे मना कर दिया है। अदालत ने यह फैसला नाबालिग के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर लिया है, क्योंकि विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भपात कराना पीड़िता के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
इस मामले में जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू ने सुनवाई की है। उन्होंने पीड़िता की जांच रिपोर्ट 9 सदस्यों की विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम को देने के लिए कहा था। टीम ने जांच में पाया कि 20 सप्ताह का गर्भ समाप्त किया जा सकता है। हालांकि विशेष परिस्थिति में 24 सप्ताह का गर्भ पीड़िता के जीवन रक्षा के लिए हो सकता है। मगर इस केस में पीड़िता 24 सप्ताह से अधिक समय से गर्भवती है। ऐसी स्थिति में गर्भ समाप्त करना उसके स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है।
मेडिकल रिपोर्ट पाया गया कि याचिकाकर्ता की गर्भावस्था की उम्र लगभग 32 सप्ताह है। इस कारण डॉक्टरों ने राय दी है कि पीड़िता का सहज प्रसव की तुलना में गर्भ समाप्त करना अधिक जोखिम भरा होगा। इसलिए विशेषज्ञों की राय के आधार पर उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी।
न्यायालय ने दुष्कर्म की शिकार नाबालिग पीड़िता के बच्चे को जन्म देने के लिए राज्य सरकार को सभी आवश्यक व्यवस्था करने और सब खर्च वहन करने का निर्देश दिया है। न्यायलय ने कहा कि नाबालिग और उसके माता-पिता की इच्छा हो तो प्रसव के बाद बच्चा गोद देना चाहें तो राज्य सरकार कानून के लागू प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कदम उठाएगी।