CG NEWS: ED action in Rajiv Bhawan, investigation tightened on Congress funding
रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के मुख्यालय राजीव भवन में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच अब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच सकती है। ईडी ने पार्टी फंड के लेन-देन को लेकर छानबीन तेज कर दी है। जांच के दायरे में कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, राजीव भवन निर्माण समिति के प्रमुख गिरीश देवांगन और कांग्रेस के अकाउंटेंट डडसेना हैं।
ईडी को जांच में पता चला है कि कांग्रेस फंड से विनोद वर्मा के पुत्र को 5.89 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, लेकिन यह राशि किस मद में दी गई, यह अब तक स्पष्ट नहीं है। मामले से जुड़े सवाल उठाने वालों को कांग्रेस से बाहर कर दिया गया, जिससे कोई इस पर खुलकर बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।
ईडी की जांच में सामने आए गड़बड़ियों के संकेत
ईडी के पास पार्टी फंड के लेन-देन की पूरी जानकारी है। सूत्रों के मुताबिक, इसमें एआईसीसी को भी कांग्रेस फंड से भुगतान किए जाने के प्रमाण मिले हैं। मामले में अब कांग्रेस के महामंत्री से पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है।
तत्कालीन कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल और अकाउंटेंट डडसेना फरार बताए जा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र इस कार्रवाई से खुश नजर आ रहे हैं। एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा कि “इन चारों का ठिकाना जेल होना चाहिए, लेकिन ये अब तक बाहर कैसे घूम रहे हैं, यह समझ से परे है।”
ईडी क्यों पहुंची राजीव भवन?
राजीव भवन में ईडी के दो अधिकारी पहुंचे और सुकमा एवं कोंटा में बने कांग्रेस भवनों के निर्माण को लेकर पूछताछ की। ईडी ने कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री को समन जारी किया है। इस दौरान कांग्रेस लीगल सेल के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
मलकीत सिंह गैदू को ईडी का समन
मामले में कांग्रेस के महामंत्री मलकीत सिंह गैदू को भी ईडी ने समन जारी किया है। उन्हें 27 फरवरी तक जवाब देने का निर्देश दिया गया है। ईडी की टीम कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए शराब घोटाले की भी जांच कर रही है। इस मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं और वे 4 मार्च तक न्यायिक हिरासत में हैं।
सेक्स सीडी कांड में भूपेश बघेल कोर्ट में पेश हुए
इस बीच, छत्तीसगढ़ के चर्चित सेक्स सीडी कांड की सुनवाई रायपुर कोर्ट में हुई। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विनोद वर्मा और अन्य आरोपी अदालत में पेश हुए। सुनवाई के बाद भूपेश बघेल विधानसभा सत्र में चले गए, जबकि अगली सुनवाई 4 मार्च को होगी।
इस केस में सीबीआई ने 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इसे दिल्ली ट्रांसफर करने की अर्जी लगाई थी, लेकिन हाल ही में दिल्ली की अदालत ने यह याचिका खारिज कर दी। अब मामले की सुनवाई रायपुर की सीबीआई स्पेशल कोर्ट में होगी।
राजनीतिक हलचल तेज, कांग्रेस पर बढ़ा दबाव
ईडी की इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेर रहा है, वहीं पार्टी इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।