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CG NEWS : छत्तीसगढ़ में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्ति की प्रक्रिया में उलझन, जीपी सिंह के रास्ते में आईं नई बाधाएं

CG NEWS: Confusion in the process of appointment of Director General of Police (DGP) in Chhattisgarh, new obstacles came in the way of GP Singh.

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार ने 5 दिसंबर को यूपीएससी को तीन आईपीएस अधिकारियों का पैनल भेजा था। पैनल में 92 बैच के पवनदेव और अरुण गौतम, और 94 बैच के हिमांशु गुप्ता के नाम शामिल थे। हालांकि, अब इस प्रक्रिया में एक नया मोड़ आ गया है, जब पूर्व एडीजी जीपी सिंह की सेवा बहाल करने के बाद उन्होंने डीजीपी के पैनल में अपना नाम शामिल करने के लिए अभ्यावेदन दिया है।

जीपी सिंह का मामला: सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनके पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद, केंद्र सरकार ने जीपी सिंह की आईपीएस सेवा बहाल कर दी थी, जिसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने भी उन्हें पीएचक्यू में जॉइनिंग देने का आदेश जारी किया। इसके बाद, जीपी सिंह ने यूपीएससी से अपील की कि उनका नाम डीजीपी के पैनल में शामिल किया जाए, क्योंकि 94 बैच के वे सबसे सीनियर अफसर हैं।

डीजी प्रमोशन की स्थिति: इस बीच, जीपी सिंह का डीजी प्रमोशन लंबित है। हालांकि, 94 बैच के हिमांशु गुप्ता को पहले ही डीजी प्रमोट किया जा चुका है, जो जीपी सिंह के लिए एक चुनौती बन सकती है। यदि जीपी सिंह को प्रमोशन मिलता है, तो हिमांशु गुप्ता को रिवर्ट करने की स्थिति बन सकती है। हालांकि, सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि ऐसा न हो, ताकि कोई विवाद न पैदा हो।

यूपीएससी का निर्णय: यूपीएससी को पेनल में भेजे गए नामों पर विचार करते समय ग्रेडेशन लिस्ट और सर्विस की लंबाई को ध्यान में रखते हुए अंतिम निर्णय लेना होता है। यूपीएससी के पास यह अधिकार है कि वह राज्य सरकार के पैनल से किसी भी नाम को स्वीकार करे या बदलाव कर पैनल तैयार करे। राज्य सरकार फिर अपने पसंदीदा नाम पर अंतिम निर्णय करती है।

अशोक जुनेजा का एक्सटेंशन: हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया का सबसे बड़ा फैक्टर डीजीपी अशोक जुनेजा का रिटायरमेंट है, जो 4 फरवरी को छह महीने का एक्सटेंशन खत्म करने के बाद रिटायर हो जाएंगे। अगर उन्हें एक्सटेंशन नहीं मिलता, तो डीजीपी के एक पद के खाली होने के बाद जीपी सिंह को प्रमोट करने की प्रक्रिया तेज हो सकती है। लेकिन अगर जुनेजा को दूसरा एक्सटेंशन मिलता है, तो राज्य सरकार को एक अतिरिक्त डीजी पद के लिए भारत सरकार से अनुमति लेनी होगी।

संभावित समाधान: इस पूरे मामले में यदि सरकार को जीपी सिंह का प्रमोशन देना होता है, तो इसके लिए यूपीएससी से मंजूरी मिलने के बाद सरकार को भारत सरकार से एक्सट्रा डीजी पद की अनुमति लेनी पड़ेगी। इस समय, विभागीय जांच भी क्लियर हो चुकी है और उम्मीद जताई जा रही है कि जीपी सिंह को जल्द ही डीजी पद का मौका मिलेगा, बशर्ते अशोक जुनेजा को एक्सटेंशन न मिले।

अब यह देखना होगा कि छत्तीसगढ़ सरकार और यूपीएससी इस प्रक्रिया को कैसे पूरा करते हैं और जीपी सिंह को डीजीपी के पैनल में शामिल करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं। इस प्रक्रिया में सरकारी निर्णय और यूपीएससी की भूमिका अहम साबित होगी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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