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CG NEWS : जयका समूह की 70 वीं वर्षगांठ पर भव्य रंगारंग कार्यक्रम आयोजित

CG NEWS: A grand colorful program was organized on the 70th anniversary of Jayaka Group.

रायपुर। छत्तीसगढ़ एवं विदर्भ क्षेत्र के ऑटोमोबाइल व्यवसाय जगत में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाला प्रतिष्ठित जयका समूह इस वर्ष अपनी स्थापना की 70वीं जयंति मना रहे हैं। इस विशिष्ट उपलब्धि की खुशियां मनाने जयका समूह द्वारा जयका ऑटोमोबाइल्स एंड फायनेंस प्रा.लि., रिंग रोड नं. 1, रायपुरा, रायपुर में एक भव्य रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लगभग 750 अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ जयका समूह के संस्थापक स्व. श्री पुरूषोत्तम बालकृष्ण काले एवं अन्य पूर्व प्रबंध निदेशकों के चित्र पर माल्यार्पण के साथ प्रारंभ हुआ।

इस अवसर पर जयका समूह के प्रबंध निदेशक श्री रोहित काले तथा श्रीमति रश्मि काले (वर्ष 2024-26 हेतु अखिल भारतीय स्तर पर फाडा के डब्ल्यूआईएफ की चेयरपर्सन) एवं उनके सुपुत्र श्री कौस्तुभ काले उपस्थित थे। कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए श्री रोहित काले ने कहा कि 94 वर्ष पुरानी परिवार की ऑटोमोबाइल बिजनेस परंपरा को आगे बढ़ा रहे तथा 70 साल पुराने जयका ग्रुप को नई बुलंदियों पर ले जा रहे हैं।
1930 में काले परिवार ने ली ऑटोमोबाइल की पहली डीलरशिप- आजादी के पूर्व 1930 में मध्य भारत की पहली ऑटोमोबाइल डीलरशिप समूह की स्थापना स्व. पुरषोत्तम बी. काले ने फोर्ड मोटर्स एवं फोर्डसोन ट्रैक्टर्स की सेंट्रल प्रोविनेन्स व बरार के 32 जिलों में एक साथ प्रोविंशियल ऑटोमोबाइल के नाम से की थी।

पैसेंजर कार से कमर्शियल व्हीकल शोरूम भी स्व. पी.बी. काले ने शुरू की। उन्होंने वर्ष 1954 में महिंद्रा एन्ड महिंद्रा की पूर्ण रेंज डीलरशिप प्रोविंशियल ऑटोमोबाइल्स नाम से ली, जयका मोटर्स के नाम पर टेल्को का टाटा कमर्शियल व्हीकल का डीलरशिप का स्थापना किए, हिंदुस्तान मोटर का पैसेंजर कार का डीलरशिप प्रोविंशियल ऑटोमोबाइल्स नाम से लिए। इसी साल स्व. पी.बी. काले, श्री पी. एस. जैन के साथ पार्टनरशिप में जयका ब्रांड की स्थापना की तथा टेल्को (वर्तमान टाटा मोटर्स ) की डीलरशिप जयका मोटर्स के नाम से ली गई।

वर्ष 1955 में भिलाई मोटर के नाम पर दुर्ग में टेल्को का कमर्शियल व्हीकल का डीलरशिप लिए। वर्ष 1981 में स्व. श्री सतीश काले और श्री कुमार काले के नेतृत्व में काले परिवार को रायपुर छत्तीसगढ़ में टाटा मोटर्स की डीलरशिप का अवसर जयका ब्रांड के साथ फिर प्राप्त हुआ। जो जयका ऑटोमोबाइल एंड फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से आज भी जारी है। 1998 में विदर्भ में हुंडई मोटर्स और टाटा पैसेंजर वाहनों की डीलरशिप के बाद वर्ष 2000 में रायपुर में शिवनाथ हुंडई की स्थापना हुई। 2003 में जयका इन्श्योरन्स एन्ड ब्रोकरेज की स्थापना, 2007 में रायपुर में ट्रेलर टिप्पर का निर्माण भी शुरू हुआ। विदर्भ में 2013 एवं 2017 में फिएट कार व जीप की सेंट्रल एवेन्यू ट्रेडिंग कारपरिशन लिमिटेड और 2018 में किआ कार की जयका किआ के नाम से डीलरशिप शुरू की।

ट्रेन में 70 साल पुरानी जयका ग्रुप का नामकरण- जयका ग्रुप के संचालक श्री रोहित बताते हैं कि उनके परदादा स्व. श्री पुरूषोत्तम बालकृष्ण काले जमशेदपुर टेल्को की डीलरशिप के लिए जा रहे थे तभी ट्रेन में श्री पी.एस. जैन से मिले। वे भी डीलरशिप के लिए जा रहे थे। ट्रेन में जैन से ‘जय’ और काले से ‘का’ शब्द मिलाकर जयका ग्रुप का नामकरण हुआ। श्रीमती रश्मि काले का कहना है कि बिजनेस का मतलब सबको साथ लेकर चलना है। सबके पास कोई न कोई आइडिया होता है। नई सोच, नए विचार को आत्मसात करेंगे, तभी आगे बढ़ पाएंगे।

उन्होंने जयका के 70 वर्ष होने पर जे 70 लोगो डिजाइन किया है जो एक अटूट रिश्तों के सफर को दर्शाता है। अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने संस्थान के आदर्शों, मूल्यों तथा जयका समूह की प्रगति में कर्मचारियों के अमूल्य योगदान की सराहना की। इस अवसर पर कर्मचारियों-अधिकारियों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों में उत्साह के साथ भाग लिया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ी राऊत नाचा, सिंगिंग, डांसिंग, रैम्प वॉक सहित विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम शामिल थे। इस अवसर पर संस्थान के 25 वर्ष पूर्ण किए कर्मचारियों को विशेष उपहार प्रदान कर सम्मानित किया गया। जयका ऑटोमोबाइल, शिवनाथ हुंडई, जयका इंश्योरेंस ब्रोकरेज प्रा.लि., जयका ट्रेलर मैन्यूफेक्चरिंग डिवीजन के रायपुर के अलावा धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, बलौदाबाजार, सरायपाली, सिमगा, अभनपुर, राजिम के सभी कर्मचारी उपस्थित रहे तथा कार्यक्रम में हिस्सा लेकर हर्षोल्लास से 70 वर्ष पूर्ण होने का आनंद मनाया।

50 के दशक में दादी ने संभाली व्यवसाय की कमान

श्री रोहित बताते हैं कि 1958 में जब उनके दादा श्री के.पी. काले की असामयिक मृत्यु हुई तो परिवार और कारोबार दोनों को बड़ा झटका लगा। परिवार को इस कारोबार पर बने रहने विचार करने पर मजबूर होना पड़ा, तब उनकी दादी श्रीमती मंगला काले ने साहस के साथ नागपुर के साथ-साथ छत्तीसगढ़ क्षेत्र में व्यवसाय के प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाली।

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