CG BIG NEWS: When TS Singhdev joined Congress, the people of Surguja got upset.
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से छह महीने पहले टीएस सिंहदेव (टीएस बाबा) को उपमुख्यमंत्री बनाने के बाद कांग्रेस के रणनीतिकारों को लगा था कि अब पूरे सरगुजा की बाजी सेट हो जाएगी, लेकिन ऐसा होता नहीं दिखा। इससे सिंहदेव तो लगभग सेट हो गए, लेकिन सरगुजा की जनता इससे अपसेट हो गई। इसका नतीजा यह हुआ कि 2018 के चुनाव में सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस का इस बार यहां से सूपड़ा साफ हो गया। सभी सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है।
राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि ढाई-ढाई साल के सीएम के फार्मूले पर अमल नहीं करने की नाराजगी भी यहां की जनता ने कांग्रेस को हराकर जताई है। टीएस सिंहदेव ने सरगुजा के परिणाम को पश्चिम से सूरज उगने जैसा बताया है। जनता के अपसेट होने के प्रश्न पर कहा कि यदि ऐसा है तो जिस पार्टी ने मुझे उपमुख्यमंत्री बनाया था, वही मुख्यमंत्री भी तो बनाती, तब भी उसकी बात तो माननी ही पड़ती। जनादेश स्वीकार है।
तीन विधायकों का टिकट कटने से थी नाराजगी –
सरगुजा संभाग में कांग्रेस ने तीन मौजूदा विधायकों रामानुजगंज से बृहस्पति सिंह, सामरी से चिंतामणि महाराज और प्रतापपुर से पूर्व मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम का टिकट काट दिया था। इस पर तीनों ने सिंहदेव के प्रति भी नाराजगी प्रकट की थी। चिंतामणि महाराज तो सिंहदेव के खिलाफ भी लड़ने को तैयार हो गए थे। वहीं बृहस्पति सिंह ने सिंहदेव पर महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे की तरह काम करने का आरोप तक लगा दिया था।
अपनी पार्टी की उपेक्षा के कारण हारे सिंहदेव : भाजपा –
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस की सरगुजा में जिस तरह हार हुई है, उसके लिए उनकी पार्टी जिम्मेदार है। सिंहदेव की कांग्रेस ने जो उपेक्षा की है ,उसकी वजह से वह हारे। इस मामले में सरगुजा संभाग से भाजपा के आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी थी। वहां किसी प्रकार का विकास नहीं होने के कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।