
CG BIG NEWS: The case of divorce in tribal society reached the High Court.. what happened next
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने एक आदिवासी दंपती के तलाक के मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को एक नया पिटीशन दायर कर यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि तलाक की अर्जी पर किस एक्ट के तहत सुनवाई होगी।
जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस दीपक कुमार तिवारी की डिवीजन बेंच में एक मामला सुनवाई के लिए रखा गया। इसमें याचिकाकर्ता महिला का अपने पति से लंबे समय से विवाद चल रहा है। पति के खिलाफ उसने प्रताडऩा की शिकायत भी दर्ज कराई है। उसने परिवार न्यायालय में पति से तलाक की अर्जी लगाई थी, जो खारिज हो गई। इस पर उसने हाईकोर्ट में अपील की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या आदिवासी समाज में हिंदू मैरिज एक्ट के तहत तलाक लिया जा सकता है। कोर्ट ने हिंदू मैरिज एक्ट को पढ़ते हुए कहा कि इसके तहत आदिवासी परिवार में तलाक नहीं हो सकता।
इस संबंध में केंद्र की अधिसूचना प्रभावशील है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को नई याचिका दायर करने के लिए कहा है जिसमें तलाक के प्रावधान का उल्लेख हो। पति ने तलाक की याचिका का विरोध किया है, कोर्ट ने उसके अधिवक्ता से भी कहा है कि तलाक के विरुद्ध अपना आवेदन समुचित प्रावधानों के साथ रखें।