chhattisagrhTrending Now

CG Assembly: मानसून सत्र के पहले दिन सदन में उठा RI प्रमोशन परीक्षा घोटाले का मामला, राजस्व मंत्री को अपनों ने ही घेरा

CG Assembly: रायपुर, 14 जुलाई। पटवारी से राजस्व निरीक्षक विभागीय परीक्षा में अनियमितता की जांच, कार्रवाई में ढिलाई को लेकर पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने राजस्व मंत्री टीआर वर्मा को घेरा। इस पर विपक्षी विधायकों ने बहिर्गमन भी किया। मानसून सत्र के पहले दिन प्रश्न काल में भाजपा विधायक राजेश मूणत ने अपने तारांकित प्रश्न के जरिए यह मामला उठाया। इस पर मंत्री वर्मा ने कहा कि सितंबर में परीक्षा प्रक्रिया फरवरी शुरू हुई थी और फरवरी 24 में परिणाम आया। परीक्षा गलत तरीके से आयोजित की गई थी। इसकी शिकायत पर 5 अधिकारियों की टीम से जांच कराई गई। जिसमें बड़ी अनियमितता सामने आई। इस पर राजस्व और जीएडी ने तय किया कि गृह विभाग को जांच के लिए अधिकृत किया जाए। वर्मा ने कहा कि इस अनियमितता के लिए किसी को बचाया नहीं जाएगा।

पीएससी की तरह इस पर भी कार्रवाई की जाएगी। सरकार चाहती है कि जो गड़बड़ी करने वाले दोषी हैं उन पर कार्रवाई करेंगे। ईओडब्ल्यू जांच कर दोषी तक पहुंचे। मूणत ने कहा कि जिस समय विधानसभा के चुनाव चल रहे थे उस समय भर्ती पदोन्नति प्रक्रिया शुरू की गई और मंत्री बने 9 दिन नहीं हुए थे परीक्षा संपन्न करा ली गई।

मंत्री वर्मा ने कहा कि जांच कमेटी ने रिपोर्ट में कहा है कि शिकायत कर्ता के दस्तावेज साक्ष्य के रूप में मान्य नहीं है। कमेटी ने गड़बड़ी को स्वीकार किया है। इसलिए दोषियों तक पहुंचने ईओडब्ल्यू को जांच दी गई है। सरकार की किसी से सहानुभूति नहीं है। इस पर मूणत ने कहा कि मंत्री आधी जांच रिपोर्ट पढ़ रहे हैं। यह गड़बड़ी भी अन्य घोटालों की तरह पिछली सरकार में हुई थी। इस पर कांग्रेस के देवेन्द्र यादव, संगीता सिन्हा ने आपत्ति की।

उन्होंने परीक्षा की तिथि को भाजपा कार्यकाल में होना बताया। मंत्री वर्मा ने दोहराया कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है इसके लिए दोषियों पर ठोस कार्रवाई होगी किसी को बख्शा नहीं जाएगा। इस पर मूणत ने कहा कि क्या अगले सत्र से पहले तक कार्रवाई की घोषणा करेंगे। मंत्री वर्मा ने कहा कि ईओडब्ल्यू ने सारी जानकारी 41 बिंदुओं में मांगी है। हमने सभी से पूछताछ की भी अनुमति दे दी है। यथाशीघ्र जांच कर अगले सत्र से पहले कार्रवाई की जाएगी। भाजपा के ही अजय चंद्राकर ने पूछा कि गृह विभाग ने लिखा है कि एफआईआर करने में विभाग सक्षम है। ऐसे में ईओडब्ल्यू जांच का निर्णय किसने लिया। और एफआईआर क्यों नहीं हुई।

Share This: