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BREAKING : छत्तीसगढ़ महतारी ल संवारे बर काम करत हे तुंहर सरकार, भिलाई में बोले सीएम बघेल

भिलाई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार नंबर एक आने के लिए के लिए नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ महतारी को सजाने और संवारने के लिए काम कर रही है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि सरकार ने छत्तीसगढ़ के बेटे बेटियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार देने के लिए काम किया है। यही कारण है कि आज अगर राज्य का नागरिक कुछ न करे केवल गोबर बीने तो भी वह उसे 2 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेच सकता है। मुख्यमंत्री गुरुवार को जामुल में आम सभा को संबोधित कर रहे थे।

रावण भाठा मैदान में मुख्यमंत्री ने बोनस की गणित बताई। कहा कि यदि आने वाले समय में उनकी सरकार बनी तो वह बोनस निरंतर इसी तरह देते रहेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को राजीव गांधी न्याय योजना के तहत 9000 रुपए प्रति एकड़ की इनपुट सब्सिडी देगी। बरसात में किसान चाहे कोदो, कुटकी, राहर, तिली, मक्का, गन्ना या धान लगाए। यह फैसला जब तक सरकार है तब तक के लिए है। आने वाले चुनाव तक यह योजना जारी रहेगी। उसके बाद सरकार होगी तो आगे भी दिया जाएगा।

सीएम ने समझाई गणित

उन्होंने कहा कि सरकार समर्थन मूल्य 1940 रुपए दे रही है। इनपुट सब्सिडी 9000 है। यदि इसमें 600 जोड़ेंगे तो यह 2540 रुपए क्विंटल पड़ेगा। अगले साल इसे 100 रुपए बढ़ा देंगे तो यह बढ़कर 2640 रुपए हो जाएगा। यदि चुनाव के समय 200 रुपए बढ़ा दिया तो यह 2840 हो जाएगा। हमने तो किसान को केवल 2500 रुपए प्रति क्विंटल देने की बात कही थी, लेकिन 9000 देने के बाद राशि जितनी बढ़ जाए किसान के खाते में जाएगी।

इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जामुल नगर पालिका क्षेत्र के रावणभाठा क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे। यहां उन्होंने 7.20 करोड़ की लागत से विकास कार्यों की सौगात दी। इसमें 5.12 करोड़ रुपए की लागत से हुए निर्माण कार्यों का लोकार्पण और 1.91 करोड़ की लागत से होने वाले कार्यों का भूमि पूजन किया।

हर श्रमिक को मिलेगा 500 रुपए प्रति माह

मुख्यमंत्री ने कहा राजीव गांधी भूमिहीन श्रमिक योजना छत्तीसगढ़ राज्य में लागू की गई है। 30 नवंबर तक इसके लिए फार्म भरने की आखिरी डेट है। सभी श्रमिक इसका फार्म भर लें। केंद्र सरकार तो केवल किसान को 500 रुपए प्रति माह देती है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार जिसके पास एक डिसमिल भूमि भी नहीं है उसे श्रमिक को भी 6000 रुपए प्रति वर्ष देगी।

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