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BREAKING : नहीं रहे SPG डायरेक्टर अरुण कुमार, पीएम के इस मामले को सुलझाने में रहा अहम योगदान

BREAKING: SPG director Arun Kumar is no more, PM’s important contribution in solving this matter

नई दिल्ली। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) चीफ अरुण कुमार सिन्हा का निधन हो गया। एसपीजी प्रमुख अरुण कुमार ने दिल्ली में अंतिम सांस ली। बता दें कि सिन्हा 1987 केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे थे और 2016 से एसपीजी निदेशक के तौर पर काम कर रहे थे। उनकी सेवा को और सरहानीय कामों को देखते हुए कई पदकों और पुरस्कार मिले थे।

अरुण सिन्हा करीब एक साल से कैंसर से लड़ रहे थे। 4 सितंबर को अचानक उन्हें लीवर में दिक्कत हुई तो दिल्ली के मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया। बुधवार को 61 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली, वो 2016 से एसपीजी निदेशक के तौर पर काम कर रहे थे। उन पर प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी।

IPS अरुण कुमार सिन्हा ने अपनी पढ़ाई झारखंड से की थी. अपने करियर में वे कई बड़े पदों पर रहे हैं. सिन्हा ने केरल में ही विभिन्न पदों और रैंक पर काम किया. उन्होंने केरल पुलिस के डीसीपी कमिश्नर, इंटेलिजेंस आईजी और तिरुवनंतपुरम आईजी के पद पर काम किया. हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से उन्हें अपने पद पर एक्टेंशन भी मिला था.

आपको बता दें कि अरुण कुमार सिन्हा ने एक देश के राष्ट्रपति की हत्या के केस को भी सुलझाया था. दरअसल, उन्होंने मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल गयूम की हत्या का केस सुलझाया. केस के एक मुख्य आरोपी को अरुण सिन्हा ने ही दिल्ली में धर-दबोचा था. उस वक्त सिन्हा केरल के कानून और व्यवस्था प्रभारी के पद पर थे. अरुण कुमार सिन्हा ने ही प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति को ईमेल से जरिए मिलने वाली धमकियों के केस को सुलझाया था. सिन्हा ने ही राज्य में क्राइम स्टॉपर प्रणाली की नींव रखी थी.

 

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